
jain sadhvi: mata sheela Jain will be a sanyasin from today
जबलपुर. घर-परिवार, बरसों में बने रिश्ते-नातों का मोह छोडऩा आसान नहीं होता। उनका जीवन कभी अभावग्रस्त भी नहीं रहा। करोड़ों की संपत्ति है उनके पास, जीवन में संपूर्ण सुख भोगकर वे रह सकतीं थीं पर एक पल में उन्होंने इन सबका मोह त्याग दिया। दो करोड़ से ज्यादा की संपत्ति छोडक़र एक बुजुर्ग ने सन्यासिन बनने की ठान ली है, और भगवान ने भी उनकी फरियाद कुबूल कर ली है।
विराग सागर महाराज से लेंगी दीक्षा
मूलरूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली शीला जैन आज से सन्यासिन बन जाएंगी। 75 वर्षीय शीला जैन पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव स्थल पर दीक्षा ग्रहण करेंगी। सोमवार को गणाचार्य 108 विराग सागर महाराज से वे दीक्षा लेंगी। दीक्षा से पहले माता शीला जैन जबलपुर में अपनी दो करोड़ की प्रॉपर्टी और अपने परिवार का त्याग कर साध्वी का रूप लेंगी। माता शीला जैन संत विरंजन सागर महाराज की मां है। वे गृहस्थ जीवन त्यागकर अब संन्यासी जीवन अपनाएंगी।
कई सालों से कर रहीं थीं कठिन साधना
विरंजन सागर महाराज ने बताया कि उनकी माता कई सालों से कठिन साधना कर रहीं थी। पिछले 10 साल से की जा रही उनकी साधना को स्वयं विराग सागर महाराज ने निकट से देखा है। ईश्वर के प्रति ऐसी भक्ति और अगाध निष्ठा व साधना को देखते हुए विराग सागर महाराज ने उन्हें दीक्षा देने का निर्णय लिया है।
मकान-जमीन-जायदाद छोडक़र बनीं साध्वी
गौरतलब है कि माता शीला जैन करोड़ों की संपत्ति की मालकिन हैं। जबलपुर में उनकी मकान-जमीन-जायदाद है। उनकी चल-अचल संपत्ति की कीमत दो करोड़ रुपए से ज्यादा है। करोड़ों की ये प्रॉपर्टी उनके लिए पूरी तरह से बेमानी हो गई है। वे संपत्ति के साथ ही अपने परिवार का भी त्याग कर साध्वी का रूप ले चुकी हैं।
शोभायात्रा में होगा स्वागत
विरंजन सागर महाराज ने बताया कि महोत्सव स्थल पर 13 नवंबर को दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक माता शीला जैन को दीक्षा देने का कार्यक्रम चलेगा। इससे पहले सुबह 11 बजे शोभा यात्रा निकालकर उनका स्वागत किया जाएगा।
Published on:
13 Nov 2017 07:48 am
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