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महादेव की महिमा या चमत्कार, गर्मी में भी लबालब भरा रहता है ‘रामकुंड’

महादेव की महिमा या चमत्कार, गर्मी में भी लबालब भरा रहता है 'रामकुंड'  

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Mahadev

shiv mandir

जबलपुर। कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील से लगभग 22 किलोमीटर दूर और ग्राम पिपरिया सहलावन से एक किलोमीटर की दूरी पर तीनों ओर सुंदर पहाड़ों से घिरा प्राकृतिक स्थल रामकुंडी अपनी मनमोहक छठा के लिए प्रसिद्ध है। क्षेत्रवासियों के लिए यहां प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तो है ही साथ ही यहां प्रकृति की अनुपम छटा के चलते लोगाें के लिए पर्यटक स्थल भी है।

पहाड़ी पर पीपल के पेड़ के नीचे विराजे भगवान भोलेनाथ की सावन में विशेष-पूजा अर्चना हो रही है। महादेव के सिद्ध स्थल तक पहुंचने के लिए सवा सौ सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। प्राकृतिक स्थल क्षेत्र में विख्यात है। ग्रामीण बताते हैं कि यहां सौ साल से भी ज्यादा पुराना रामकुंड बना हुआ है, जिसका पानी भीषण गर्मी में भी भरा रहता है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु, भक्तों और स्थानीय लोगों सहित पशु-पछियों की भी प्यास बुझाता है।

यह है खासियत
आश्रम की देखरेख करने वाले मुन्नाबाबा बताते हैं कि बारिश के दिनों में चट्टानों से बहकर झरने के रूप में कल-कल करता नीचे गिरता पानी, पीपल के वृक्ष की छांव में बने चबूतरे में स्थापित शिवलिंग, आंवला के वृक्ष के नीचे राम, लक्ष्मण और सीता मां की कुटिया, चारों ओर प्रकृति का अनुपम नजारा यहां पहुंचने वाले लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। हर साल यहां कार्तिक मास की पूर्णिमा पर मेले का आयोजन भी होता है।