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याचिका दायर…सड़क पर ‘दायीं’ ओर चलने का बने नियम, नहीं होंगे ‘Road accident’

MP News: 2022 के सड़क हादसों के आंकड़ों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि 50 हजार मौतों में से 18 हजार पैदल यात्रियों की जान गई....

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए जबलपुर के रिटायर्ड इंजीनियर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें सड़क पर दायीं ओर चलने के नियम बनाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की है। 2022 के सड़क हादसों के आंकड़ों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि 50 हजार मौतों में से 18 हजार पैदल यात्रियों की जान गई। यह 36 प्रतिशत है।

जस्टिस दीपांकर दत्ता व जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार व नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है।

सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

2019 में सुप्रीम कोर्ट में ज्ञान प्रकाश ने याचिका लगाई। तर्क दिए 2017 में 53,181 मौत राजमार्गों पर हुईं। राष्ट्रीय राजमार्ग (भूमि और यातायात) अधिनियम, 2002 व राजमार्ग प्रशासन नियम, 2004 का क्रियान्वयन नहीं हो रहा। राजमार्ग भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं हो रही। 21 मई 2025 को शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार को देशभर के राजमार्गों पर ट्रैफिक कंट्रोल, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। केंद्र के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताया। कोर्ट ने 10 नवंबर तक सभी तथ्यों व डेटा सहित विस्तृतजवाब शपथ पत्र पर पेश करने का निर्देश दिया।

18 साल से कर रहे संघर्ष

ज्ञान प्रकाश ट्रैफिक सेफ्टी पर 18 साल से संघर्ष कर रहे हैं। 2006 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमों का पालन न होने से सड़क दुर्घटनाओं को चुनौती दी थी। कहा था, विएना समझौते के मुताबिक भारत सहित 70 देशों ने पैदल चलने वालों के लिए वाहनों की दिशा से विपरीत चलने पर समझौता किया था। यह यूनिवर्सल लॉ माना जाता है।

विएना समझौता किया, पर नियम नहीं बनाए

ट्रैफिक सेफ्टी एक्टिविस्ट व रिटायर्ड इंजीनियर ज्ञानप्रकाश ने कोर्ट को बताया, देश का मोटर वीकल एक्ट 1988, वर्ष 1968 में विएना में हुए सड़क परिवहन पर अंतरराष्ट्रीय समझौते से प्रेरित है। दाएं पैदल चलने से सामने से आ रहे वाहनों को स्पष्ट देखा जा सकता है।