15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आंतकवादियों के छक्के छुड़ा देगा ये , बारूद के विस्फोट- गोलीबारी को सहन करने की क्षमता भी

-सीआरपीएफ का ऑर्डर पूरा करने में जुटी वीएफजे, वाहनों का टेस्टिंग ट्रैक में ट्रायल-सैनिकों का रक्षा कवच बनेगा माइन्स प्रोटेक्टिव वीकल

less than 1 minute read
Google source verification
Mines Protective Vehicle

Mines Protective Vehicle

जबलपुर। सेना को सप्लाई करने के बाद वीकल फैक्ट्री जबलपुर अब सीआरपीएफ से मिले मॉडीफाई माइन प्रोटेक्टिव वीकल (एमएमपीवी) के लक्ष्य को पूरा करने में जुट गई है। इस माह 10 वाहनों को सप्लाई किया जाना है। इसलिए फैक्ट्री के प्लांट में तेजी से काम चल रहा है। इन वाहनों का टेस्टिंग ट्रैक में ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के बाद वाहनों को सौंपा जाएगा।

परखी जा रही क्षमता

वीकल को वीएफजे के टेस्टिंग ट्रैक में परखा जा रहा है। इसके बाद सीआरपीएफ को सौंपा जाएगा। इससे दुर्गम एवं संवेदनशील इलाकों में गश्त की जा सकती है। अगर बारूदी सुरंग से गाड़ी गुजर जाए तो विस्फोट में यह वाहन उछलता है, लेकिन क्षतिग्रस्त नहीं होता। इससे उसमें बैठे सैनिक सुरक्षित रहते हैं। इस खासियत से इसकी मांग है।

माइंसप्रूफ के साथ बुलेट प्रूफ भी, मिलेगी मजबूती

यह वाहन आतंकवाद और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सैनिकों का बड़ा रक्षा कवच है। यह कई किलो बारूद के विस्फोट को सहन कर लेगा। इससे सैनिकों को कम नुकसान होगा। इस पर नजदीकी गोलीबारी का असर नहीं होगा। यह माइंसप्रूफ के साथ बुलेट प्रूफ है। इसमें कई मॉडिफिकेशन किए हैं। इसलिए इसका नाम अब मॉडीफाई माइन्स प्रोटेक्टि वीकल किया है।

196 वाहन भारतीय सेना को दिए

वीएफजे सेना, अर्धसैनिक बल के अलावा राज्यों की पुलिस को इसकी सप्लाई करती है। हालांकि एमएमपीवी का ऑर्डर केवल सेना और सीआरपीएफ से मिला था। ऐसे 244 वाहन तैयार करने थे, इसमें 196 वाहन सेना को दिए जाने थे। हाल में आखिरी वाहन सेना को सौंपा गया था। केवल सीआरपीएफ का ऑर्डर बचा था, 22 गाड़ी बन गई हैं उनमें 20 दी जा रही हैं।