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संगीत की शिक्षा से बालकों के संस्कारों में बदलाव ला रहीं माया

कोरोना काल में ऑनलाइन बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

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जबलपुर

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Neha Sen

Aug 03, 2022

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जबलपुर. सामाजिक कार्यों को करने वाले बहुत हैं और सामाजिक चेतना जगाने वाले भी। इस बीच कई ऐसे लोग भी हैं जो सामाजिक बदलावों के लिए बड़े स्तर पर पहचाने जाने लगते हैं। उन्हीं में से एक हैं शहर की माया पाण्डे। माया उन बच्चों के लिए विशेष काम कर रहीं हैं जो बाल सुधार गृह में रहते हैं। इस काम के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड मिल चुका है, जो भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदान किया गया है।

इसलिए रिकॉर्ड में शामिल हुआ नाममाया बाल कल्याण समिति जबलपुर की सदस्य हैं। उनका यह रिकॉर्ड बालकों के लिए सौ से अधिक वेबिनार करने के लिए प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि उनका नाम भोपाल मुख्यालय से नामित किया गया था। इसमें देशभर से पचास लोगों का चयन हुआ। इस सूची में उनका भी नाम है।

वेबिनार में किए कई काममाया ने बताया कि वे संस्था से साल 2019 से जुड़ी थीं। इस बीच बाल सुधार गृह के बच्चों के लिए कुछ ना कुछ नया करने का इरादा था। वेबिनार के जरिए बालकों के लिए बाल सुरक्षा, बालकों के अधिकार, बालकों के लिए सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाएं, चाइल्ड लाइन की जानकारी, बालक गृह की गतिविधियां और शिक्षा के महत्व की जानकारियों पर चर्चा की गई थी।

संगीत से ला रही संस्कारों में बदलावमाया बाल कल्याण समिति की सदस्य होने के साथ-साथ पिछले दस सालों से गायन विधा से भी जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया कि वे बाल सुधार गृह में बालकों को संगीत की निशुल्क कक्षाएं भी देती हैं। सुधार गृह में आने वाले बच्चे गुस्सैल और जिद्दी रवैए के होते हैं। ऐसे में संगीत शिक्षा उनके स्वाभाव में भी बदलाव नजर आया है। बच्चों का दुलार मेरे प्रति काफी है इसलिए जब भी वहां जाती हूं सभी घेर कर उपहार मांगते हैं।