
mp election 2018
जबलपुर। मप्र विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण को लेकर भाजपा कांग्रेस दोनों में ही उथल पुथल मची हुई है। विरोधियों व बगावत को देखते हुए पार्टियों के आलाकमान फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। दोनों पार्टियों ने अभी पूरे प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। इसमें एक से अधिक दावेदार और बगावत को लेकर मुख्य वजह सामने आ रही है। जबलपुर की आठ विधानसभा सीटों के लिए पहली सूची में पांच प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी थी। बाकी तीन पर असमंजस को देखते हुए रोका गया था। सोमवार को जारी भाजपा की दूसरी सूची में शहर की दो अहम सीटों पर नामों की घोषणा कर दी गई है। एक सीट पर अब भी पार्टी में मंथन हो रहा है। जिन दो सीटों पर नामों की घोषणा हुई है, वे सबसे ज्यादा दावेदारों व विरोधियों से भरी हैं। ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी को ये चुनाव अपने ही कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच लडऩा होगा।
भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय द्वारा सोमवार दोपहर 1:30 बजे प्रदेश की 17 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की सूची जारी की गई। इसमें जबलपुर की दो सीटों समेत अन्य विधानसभा सीटों के प्रत्याशी शामिल हैं। जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट से हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू और उत्तर मध्य से राज्यमंत्री शरद जैन को फिर से मौका दिया गया है। जबकि पश्चिम में नए दावेदारों को उतारने के लिए पार्टी कार्यकर्ता दबाव बना रहे थे। वहीं उत्तर मध्य से भी प्रत्याशी बदलने की मांग जोरों पर उठी थी। पार्टी के निर्णय पर कार्यकर्ताओं में असंतोष नजर आ रहा है।
अब बागियों का संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है। जबलपुर की जिन सात सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, वे सभी पिछली बार के चुनाव लड़ चुके हैं। जिनमें बब्बू को छोडकऱ बाकी छह ने अपना चुनाव जीता था।
अकाली दल का वीटा आया काम
सूत्रों की मानें तो बब्बू को टिकट देने में अकाली दल की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। सरताज सिंह भी विरोध कर चुके हैं। ऐसे में प्रदेश के सिख वोटों को पार्टी नाराज नहीं करना चाहती, इसलिए बब्बू को टिकट दिया गया है।
Updated on:
05 Nov 2018 03:04 pm
Published on:
05 Nov 2018 02:48 pm
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