MP News: जबलपुर में इस बार 27 जून को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी। रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभदा और भाई बलराम के साथ प्रजा का हाल जानने के लिए निकलेंगे। इसके पूर्व ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर परम्परानुसार भगवान जगन्नाथ के अस्वस्थ होने का मंदिरों में प्रसंग होगा। इस वजह से 11 जून को आषाढ़ की प्रतिपदा (Ashadh Pratipada) से जगन्नाथ मंदिरों के कपाट 15 दिन के लिए बंद कर दिए जाएंगे। ये पट रथयात्रा के पहले खुलेंगे।
कपाट बंद होने के पूर्व बंगभाषियों की प्राचीन एवं प्रमुख संस्था सिद्धि बाला बोस लाइब्रेरी एसोसियेशन सिटी बंगाली क्लब करमचंद चौक के जगन्नाथ मंदिर में 11 जून को संध्या 7 बजे से जगन्नाथ स्वामी की स्नान यात्रा धूमधाम से मनाई जाएगी। भगवान को 56 भोग का प्रसाद अर्पित किया जाएगा। इस अवसर पर कोलकाता की भजन गायिका अदिति मुंशी सुमधुर भजनों की स्वरलहरियां बिखेरेंगी। (Jagannath Rath Yatra)
मान्यतानुसार, स्नान यात्रा के बाद भगवान एकांतवास में चले जाते हैं। इस दौरान भगवान को काढ़ा का भोग अर्पित किया जाएगा। मान्यतानुसार भगवान ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान के बाद ज्वर से पीड़ित हो जाएंगे। इसी प्रसंग के चलते साहू धर्मशाला गढ़ाफाटक स्थित भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर के कपाट भी 15 दिन के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
कोठिया श्रीकांत साहू ने बताया कि विश्राम अवस्था में भगवान को सिर्फ आयुर्वेदिक काढ़े का भोग ही लगाया जाता है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दूसरे दिन 11 जून को फुहारा, हनुमानताल, विजयनगर सहित शहर के सभी जगन्नाथ मंदिरों में भगवान जगन्नाथ स्वामी का विशेष पूजन किया जाएगा। गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, सरयू, कावेरी, गोदावरी आदि नदियों व समुद्र के जल से जलाभिषेक होगा।
इन चीज़ों से कराया जाएगा स्नान
सचिव प्रकाश साहा ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान को विधि विधान से शुद्ध जल, चंदन, घी, फलों के रसों से स्नान कराया जाएगा। दर्पण के माध्यम से भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा को स्नान की औपचारिकता पूरी कराई जाएंगी। वस्त्रों से आकर्षक शृंगार होगा। स्नान के बाद पवित्र जल को श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा।
Published on:
07 Jun 2025 04:42 pm