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90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज पर मंत्री का अजीबो गरीब बयान, जानें क्या बोल गए राकेश सिंह?

MP News: 90 डिग्री मोड़ वाले ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज पर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह का अजीबो गरीब बयान, सुनकर हैरान रह गए एक्सपर्ट्स की टीम, जानें क्या बोल गए मंत्री जी...

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MP news 90 degree bridge aishbagh bhopal pwd minister rakesh singh strange statement

MP news 90 degree bridge aishbagh bhopal pwd minister rakesh singh strange statement: पत्रिका (photo: ANI/ social media)

MP News: भोपाल में खराब इंजीनियरिंग के मॉडल बने 90 डिग्री मोड़ वाले ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज पर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने अजीबो गरीब बयान दिया। जिस ब्रिज की डिजाइन पर सरकार ने 8 इंजीनियरों को सस्पेंड किया, उस ब्रिज पर मंत्री सिंह (PWD Minister Rakesh Singh Statement) ने कहा, 90 डिग्री का कोई मुद्दा नहीं है। देश-विदेश में 90 डिग्री के पुल व फ्लाईओवर बहुत हैं। अहम यह है कि निर्माण में सेफ्टी मेजर का पालन किया या नहीं? ब्रिज का निर्माण सही है।

कई बार 90 डिग्री पर जाना ही होता है

मंत्री सिंह ने कहा, पुराने शहरों के बीच से पुल, फ्लाईओवर का निर्माण किया जाता है तो उनमें जगह नहीं होती है। कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि 90 डिग्री (90 degree bridge bhopal) पर जाना ही होता है। भोपाल में 114 डिग्री का ब्रिज है, उसमें कोई समस्या नहीं है। मामले में जो कार्रवाई की गई, बेहतर तालमेल न होने के हुआ। डिजाइन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी विभाग से जो जवाब जाना है, भेजा जाएगा और जरूरी कार्रवाई जारी है।

हाई कोर्ट तक पहुंच चुका है मामला

बता दें, ठेकेदार मेसर्स पुनीत चडढा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि गलती विभागीय अफसरों की है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने जैसी डिजाइन दी थी, उसी आधार पर आरओबी का निर्माण किया। ऐसे में निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करना गलत है। हाईकोर्ट ने असलियत का पता लगाने के लिए मैनिट भोपाल के डायरेक्टर को आरओबी की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। सरकार की ओर से कहा गया कि ब्रिज 119 डिग्री पर है।

अगली सुनवाई 17 सितंबर को

मैनिट के सीनियर प्रोफेसर ने जांच के बाद एक दिन पूर्व हाईकोर्ट (MP High court) में रिपोर्ट पेश की है। इसमें बताया गया है पुल का एंगल 90 नहीं 118-119 डिग्री के बीच है। वहीं राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि ठेके के संबंध में त्रुटि सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के आदेश के परिप्रेक्ष्य में कोई भी कठोर कार्रवाई करने पर लगाई रोक बरकरार रखी है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितम्बर को होगी।