
MP Roads: Rain exposed
MP Roads :बारिश थमने के बाद सडक़ों की जो हालत हुई है, उसने शहर की सूरत बिगाड़ दी है। इन बदहाल सडक़ों में छह महीने और एक साल पहले बनी नई सडक़ें भी शामिल हैं। कोई सडक़ ऐसी नहीं है, जो उधड़ी न हो। कहीं सडक़ें धंस गई हैं तो कहीं गिट्टियां उखडकऱ बिखर गई हैं। इन पर गड्ढों की भरमार होने से आए दिन दोपहिया वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं। वाहनों में भी टूट-फूट बढ़ गई है। कई क्षेत्रों में तो स्थिति गंभीर होने के कारण पैदल आवागमन में भी दिक्कत हो रही है। इसके बावजूद जिम्मेदारों को जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है।
नगर निगम सदन की बैठक में भी कई बार मुद्दा उठ चुका है कि निगम के निर्माण कार्यों में कमीशनखोरी चरम पर है। यही कारण है कि गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण करने के बजाय अधिकारियों का जोर इस पर होता है कि सड़क बार-बार बने और उन्हें कमीशन मिलता रहे।
बनते ही उधड़ने लगती हैं
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन सडक़ों के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च करता है, लेकिन बनने के गुछ महीने बाद गिट्टियां उखड़ने लगती हैं। इसके बावजूद सडक़ बनाने वाले अधिकारी-कर्मचारी और ठेकेदारों के विरुद्ध न कोई कार्रवाई होती है और न ही उनकी जवाबदेही तय होती है।
●06 करोड़ से हुआ निर्माण ●06 माह पहले बनी थी वर्तमान स्थिति : गिट्टिया उखडऩे से सडक़ पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। निर्माण में उपयोग की गई स्टोन डस्ट का चूरा फैलने से वाहनों का संतुलन बिगड़ रहा है।
अंधमूक बायपास-एलआइसी रोड
●10 करोड़ निर्माण लागत●01 साल पहले हुआ निर्माणवर्तमान स्थिति : मेडिकल यूनिवर्सिटी छोर से धनवंतरि नगर चौराहा के बीच कई स्थानों गड्ढे हो गए हैं।
त्रिपुरी मोड़-झंडा चौक रोड
●01 किमी लंबी पुरानी सीमेंटेड सडक़ पर कारपेटिंग की
●15 साल बाद सडक़ का निर्माण न कर पतला डामरीकरण किया वर्तमान स्थित : गढ़ा, पुरवा, गंगा नगर, नवनिवेश कॉलोनी, भूकंप कालोनी, डॉक्टर कॉलोनी को जोड़ने वाली इस रोड पर पुरवा में गड्ढों की भरमार है।
पीडब्ल्यूडी विभाग की तकनीकी टीम को नई सडक़ों के निर्माण में गुणवत्ता सुधारने और स्थल का निरीक्षण करने के निर्देश देंगे। अमल नहीं करने वाले अधिकारियों, ठेकेदारों पर कार्रवाई करेंगे।
प्रीति यादव, आयुक्त नगर निगम
Updated on:
31 Jul 2024 04:40 pm
Published on:
31 Jul 2024 04:19 pm
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