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मप्र में 850 करोड़ की लागत से बनेगा साबरमती जैसा नर्मदा रिवर फ्रंट

शासन से मिली मंजूरी: नर्मदा से 300 मीटर के दायरे में रहेगा हरित क्षेत्र30 मीटर चौड़ा होगा समृद्धि कॉरिडोर

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Narmada RiverFront

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जबलपुर। साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर तिलवाराघाट से भटौली के बीच नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। तीस मीटर चौड़े इस कॉरिडोर का निर्माण साढ़े आठ सौ करोड़ की लागत से होगा। प्रोजेक्ट को प्रदेश शासन की मंजूरी मिल गई है। हालांकि, प्रोजेक्ट में कॉरिडोर की चौड़ाई पहले ही घटाकर आधी कर दी गई है। पहले साठ मीटर चौड़े छह लेन कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित था। कॉरिडोर के निर्माण का प्रोजेक्ट नगर निगम ने बनाया था, लेकिन जेडीए के माध्यम से तय किया गया है।

यह है स्थिति
60 मीटर प्रस्तावित थी चौड़ाई
06 गांवों से होकर गुजरेगा कॉरिडोर
409.492 हेक्टेयर में निर्माण था प्रस्तावित
67.948 हेक्टेयर जमीन का हुआ उपांतरण
341.544 हेक्टेयर जमीन में होगा निर्माण
421 एकड़ मौजूदा विकसित क्षेत्र
300 मीटर में नर्मदा से हरित क्षेत्र रहेगा आरक्षित
8.5 किमी होगी लम्बाई
850 करोड़ के लगभग राशि से होगा निर्माण

बनेगा धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र
नर्मदा तट भटौली से होकर ग्वारीघाट-तिलवाराघाट के बीच कई प्राचीन मंदिर हैं। कॉरिडोर का निर्माण होने पर श्रद्धालुओं के लिए नर्मदा दर्शन, स्नान व पूजन के बाद इन मंदिरों में दर्शन सुगम हो जाएगा। जानकारों का मानना है कि दर्शन परिपथ पर्यटन का बड़ा केंद्र बनेगा।

हरित क्षेत्र को रखा जाएगा सुरक्षित
कॉरिडोर में नर्मदा के हरित क्षेत्र को सुरक्षित रखा जाएगा। तीन सौ मीटर के दायरे में हरित क्षेत्र होगा। इसके बाद ही कॉरिडोर का निर्माण कार्य किया जाएगा।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगेगा
कॉरिडोर प्रोजेक्ट में वृहत क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निर्माण किया जाएगा। ताकि, नर्मदा में प्रदूषण न हो। इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। नर्मदा दर्शन पथ पर विद्युत व्यवस्था के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा।

नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल गई है। कॉरिडोर का निर्माण साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर होना है।
- प्रशांत श्रीवास्तव, सीईओ, जेडीए