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मिठाई पर ‘बेस्ट बिफोर डे’ लिखना जरूरी, नहीं तो होगी कार्रवाई, खाने के लिए नहीं मानी जाएगी उपयोगी

एफएसएसएआइ ने नया नियम लागू :पहले दिन मिठाई की ज्यादातर दुकानों में टूटा नियम

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Adulteration In Sweets: अभियान चलेगा तो धड़ाधड़ कार्रवाई, नहीं तो गिनती के सैम्पल

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जबलपुर/ शहर की मिष्ठान्न दुकानों में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से मिठाईयों के उपयोग को सुरक्षित बनाने के आदेश का गुरुवार को ज्यादा प्रभावी नजर नहीं आया। ज्यादातर मिठाई की दुकानों में पुराने ढर्रे पर मिठाइयों को बेचा गया। ग्राहकों को बेचने के लिए रखी गई मिठाइयों पर उनके उपयोग की समय-सीमा दर्ज नहीं थी। इधर, एफएसएसएआइ ने मिठाइयों के लिए आदेश लागू करने से पहले एक अहम बदलाव किया है। दुकानों में बेचने के लिए रखी गई मिठाइयों के कंटेनर एवं ट्रे पर अब उसके निर्माण की तारीख लिखने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। डेट ऑफ मेन्युफेक्चरिंग का अंकन निर्माता की इच्छा पर निर्भर होगा। लेकिन प्रत्येक मिठाई के उपयोग को लेकर स्थानीय प्रचलित भाषा में बेस्ट बिफोर डे दर्ज करना अनिवार्य होगा।

खाद्य औषधि विभाग ने निर्देश भेजा
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एफएसएसएआइ के नियम की पालना को लेकर मिष्ठान्न विक्रेता संघ को पत्र भेजा है। इसमें नए नियम की जानकारी दी गई है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे के अनुसार एफएसएसएआइ के मिठाई पर बेस्ट बिफोर डेट प्रदर्शित करने के निर्देश को लेकर मिष्ठान्न् विक्रेता संगठन के अध्यक्ष को सूचित किया गया है। समस्त मिष्ठान्न विक्रेताओं को नियम की जानकारी देने के साथ पालना के लिए कहा गया है। नियम के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी और समस्या होने पर विभाग से सम्पर्क करने कहा गया है।

लॉकडाउन और फिर कोरोना संक्रमण के फैलाव से मिष्ठान्न कारोबार की हालत पहले ही पतली है। ज्यादातर मिष्ठान्न कारोबारियों का कहना है कि अनलॉक के बाद काफी कम संख्या में ग्राहक आ रहे हैं। मिठाइयों की बिक्री पहले के मुकाबले आधी भी नहीं हो रही है। इस बीच बेस्ट बिफोर डेट संबंधी नियम से मुश्किलें और बढ़ गई हैं।