27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मास्क, पीपीई किट जहां-तहां फेंकने पर NGT सख्त, दिए ये निर्देश

-जबलपुर में NGT के आदेश का हो रहा खुल कर उल्लंघन-एनजीटी पहले भी दे चुका है चेतावनी

less than 1 minute read
Google source verification
खुले में फेंके गए मास्क व पीपीई किट

खुले में फेंके गए मास्क व पीपीई किट

जबलपुर. पूर्व के निर्देशों की अवहेलना पर NGT नाखुश, दी कड़ी चेतावनी। बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पहले ही मध्य प्रदेश शासन व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कोरोना काल में मास्क व पीपीई किट के विनिष्टीकरण (डिस्पोजल) के संबंध में पर्याप्त गंभीरता बरतने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। साफ किया गया था कि यदि लापरवाही सामने आई तो राज्य शासन को एक करोड़ रुपये प्रतिमाह जुर्माना भरना होगा। इसके बावजूद लापरवाही बदस्तूर जारी है। इस पर एनजीटी ने फिर से चेतावनी दी है। एनजीटी ने कहा है कि आगले दो महीने में स्थिति न सुधारी तो हर महीने एक करोड़ रुपये जुर्माना भरना ही होगा।

बता दें कि एनजीटी ने पहले ही अपने आदेश में साफ कर दिया था कि मध्य प्रदेश शासन व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बायो मेडिकल अपशिष्ट नियम-2016 का कठोरता के साथ पालन सुनिश्चित करे। मध्य प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह जुर्माना लगाए। इसमें किसी तरह की कोताही न बरते। ऐसा किए जाने पर अवमानना मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांत अध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे का कहना है कि 2009 में उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। वही जनहित याचिका एनजीटी स्थानांतरित हो गई थी। एनजीटी ने सात अगस्त को अधिवक्ता प्रभात यादव सहित अन्य के तर्क सुने। सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे अब सार्वजनिक किया गया है।

जनहित याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश जारी किए गए थे, फिर भी जबलपुर सहित प्रदेश भर के 25 फीसद अस्पताल बदस्तूर लापरवाही बरत रहे हैं। मेडिकल वेस्ट जहां-तहां फेंक दिया जाता है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।