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तीन सालों में 7 से 10 हजार हुए एनएसएस वॉलेन्टियर्स

अब पाठ्यक्रम में शामिल होेने बाद बढ़ेंगी यूनिट्स की भी संख्या

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जबलपुर

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Neha Sen

Sep 23, 2022

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जबलपुर. राष्ट्रीय सेवा योजना..., जिसका ध्येय है शिक्षा के साथ दीक्षा प्राप्त करना। ऐसी दीक्षा जो युवाओं को सामाजिक सरोकार के लिए प्रेरित करे। एनएसएस से लगातार युवा वर्ग जुड़ रहे हैं। यहीं कारण है कि महज तीन सालों में ही शहर में वॉलेन्टियर्स की संख्या 7 हजार से बढ़कर 10 हजार तक पहुंच गई है, वहीं अब नई शिक्षा नीति में सिलेबस में एनएसएस शामिल होने के बाद वॉलेन्टियर्स की संख्या बढ़ जाएगी। एनएसएस दिवस हर साल 24 सितम्बर को मनाया जाता है, ताकि युवाओं को यूनिट की गतिविधियों से रूबरू करवाया जा सके।

सिटी फैक्ट- शहर में संचालित कुल यूनिट्स- 74

- शहर में कुल वॉलेन्टियर्स की संख्या- 10 हजार- इस वर्ष जिले को 15 राज्य स्तरीय पुरस्कार

प्रदेश में पहल करने वाला प्रथम शहरएनएसएस के जिला संगठक डॉ. आनंद सिंह राणा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान प्रदेश में प्रशासन के साथ काम करने की पहल करने वाला पहला शहर जबलपुर था। इसमें शहर के 70 से अधिक स्वयंसेवकों को चुना गया था। इस दौरान बैंक कार्य, मास्क वितरण और अन्य जागरूकता वाले कार्यों में स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई थी। जबलपुर के बाद ही प्रदेश के अन्य शहरों में प्रशासन के साथ मिलकर एनएसएस के वॉलेन्टियर्स द्वारा फिर काम शुरू किया गया था।

सिलेबस में शामिल होने बाद बढ़ेगी संख्यानई शिक्षा नीति लागू होने बाद सिलेबस में अब एनएसएस भी शामिल हो चुका है। पाठ्यक्रम में शामिल होने बाद छात्रों के लिए अब एनएसएस बतौर विषय होगा। जहां उन्हें विषय संबंधित किताबी और जमीनी ज्ञान भी मिलेगा। इससे निश्चित तौर पर वॉलेन्टियर्स की संख्या तेजी से बढ़ेगी।

राजपथ पर अंकित बढ़ा चुके गौरवसाल 2022 में हुई गणतंत्र दिवस परेड शिविर में जबलपुर से अंकित लखेरा और राहुल पटले रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। डॉ. देवांशु गौतम को सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम अधिकारी का पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है, वहीं वंदे मातरम नृत्य उत्सव में मप्र के इकलौते दल में स्वयंसेवक अरविंद कुमार लोधी भी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने प्रस्तुति दे चुके हैं।

शहर में किए जा रहे काम- मतदाता जागरूकता

- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ- साक्षरता अभियान

- डिजिटल इंडिया- कोरोना टीकाकरण

- गोद लिए गए गांवों में विकास कार्य