
पत्नी ने दिया दो जुड़वा स्वस्थ बच्चों को जन्म
अजय खरे@ नरसिंहपुर /जबलपुर। नरसिंहपुर जिला अस्पताल में जनवरी से अब तक यानी ९ माह में ५९९ महिलाओं की बच्चेदानी के ऑपरेशन किए गए। ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इसका पता तब चला जब एक २५ वर्षीय महिला पेट में तकलीफ के बाद अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची तो डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे बच्चेदानी निकलवाने की सलाह दी। जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने बिना देर किए उसका ऑपरेशन कर दिया। इस खुलासे के बाद जिला अस्पताल में हडकंप है। रैकेट के सक्रिय होने की आशंका के चलते सिविल सर्जन ने कमेटी गठित कर दी है। यह परीक्षण करेगी कि ऑपरेशन आवश्यक है या नहीं, उसके बाद ही अब डॉक्टर ऑपरेशन कर सकेंगे।
कम उम्र महिलाओं की संख्या अधिक
हैरानी की बात है कि जिनका ऑपरेशन किया गया है, उनमें कम उम्र महिलाएं ज्यादा हैं। इनमें २५ से ३५ वर्ष की महिलाओं की संख्या २०० से अधिक है, जबकि ३५ से ४५ वर्ष की महिलाएं २५० है। पत्रिका के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार १२ से अधिक महिलाएं तो ऐसी भी है जिनकी उम्र मात्र २३ से २५ वर्ष के बीच बताई गई है। एक जिले में हर महीने औसतन ६६ ऑपरेशन से पूरा अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में है। यही वजह है कि ऑपरेशनों के पीछे चंद रुपयों के लालच में बच्चादानी निकालने वाले किसी रैकेट की आशंका से वरिष्ठ अधिकारियों भी इनकार नहीं कर रहे।
डॉक्टरों की कार्यशैली पर सवाल
1 जनवरी 2017 से 12 सितंबर 2017 तक 599 ऑपरेशन किए गए हैं । इनमें सबसे ज्यादा २८८ ऑपरेशन डॉक्टर आरके सिंघई ने किए, जबकि डॉक्टर डीपी सिंह ने 276 ऑपरेशन किए। डॉक्टर सीएस शिव ने 35 ऑपरेशन किए हैं। कई मर्तबा तो डॉक्टरों ने एक ही दिन में ५ से ७ ऑपरेशन तक किए हैं।
एक्सपर्ट व्यू, उम्र और संतान पक्ष पर हो विचार
आमतौर पर बच्चादानी के ऑपरेशन ४० वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के किए जाते हैं। वह भी तब जबकि दवाओं से उपचार न हो सके। अत्यंत आवश्यक होने पर ही ऑपरेशन किए जाने चाहिए। इस तरह के ऑपरेशन में उम्र काफी मायने रखती है। कम उम्र की महिलाओं के ऑपरेशन करने की बजाय दवाओं से उपचार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि उनके बच्चे कितने हैं।
- डॉ मधु सक्सेना, स्त्री रोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल नरसिंहपुर
गंभीर आरोप : 5 हजार रुपए तक ले रहे
जिला वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हुसैन पठान के अनुसार जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टरों और स्टाफ का एक रैकेट काम कर रहा है जो प्रसव या अन्य किसी उपचार के लिए आने वाली कम उम्र की महिलाओं को बीमारी का भय दिखाकर बच्चादानी के ऑपरेशन के लिए मजबूर करता है। जिसके बदले उनसे ४ से ५ हजार रुपए भी लिए जाते हैं।
जिला अस्पताल में एक ही दिन में बड़ी संख्या में बच्चादानी के ऑपरेशन किए जा रहे थे। जिसे देखते हुए डॉक्टरों की एक समिति बनाई गई है जिसमें एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को शामिल किया गया है। समिति इसका परीक्षण करेगी कि ऑपरेशन जरूरी है या नहीं जिसकी अनुमति के बाद ही कोई डॉक्टर बच्चादानी का ऑपरेशन कर सकेगा।
- डॉ.विजय मिश्रा, सिविल सर्जन
Published on:
21 Sept 2017 04:12 pm
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