
Good news: Bacteria reduced in Narmada water, ideal in Lalpur, Tilwara
जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर, एसपी और नगर निगम सीइओ को तिलवाराघाट, ग्वारीघाट व भेड़ाघाट में नर्मदा के प्रतिबंधित दायरे में एक अक्टूबर 2008 के बाद हुए निर्माण दो माहे में हटाने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए अधिवक्ता मनोज शर्मा को कोर्ट आयुक्त नियुक्त किया है। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। बुधवार को सरकार की ओर से पेश एक्शन टेकन रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने यह सख्ती दिखाई।
दयोदय का अवैध निर्माण नहीं
एक्शन टेकन रिपोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि 30 मई, 2019 को जारी हाईकोर्ट के आदेश के तारतम्य में तहसीलदार, आरआई और पटवारी की टीम ने विवादित स्थल का सर्वे किया। 1 जून, 2019 को पेश की गई टीम की रिपोर्ट के अनुसार दयोदय ट्रस्ट की ओर से नर्मदा के 300 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा रहा है।
अवैध निर्माण की सूची पेश
सरकार की ओर से चार्ट प्रस्तुत कर बताया गया कि शहर से सटे नर्मदा नदी के ग्वारीघाट, तिलवाराघाट व भेडाघाट में 300 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में 1 अक्टूबर 2008 की कट ऑफ डेट के पूर्व 260 निजी, 572 आवासीय व 212 सरकारी भवन बने। जबकि 1 अक्टूबर 2008 के बाद 41 निजी, 3 आवासीय और 31 सरकारी भवन बनाए गए। कोर्ट की ओर से कट ऑफ डेट निर्धारित करने का आधार और इस तारीख के बाद हुए निर्माण न हटाने का कारण पूछा गया। महाधिवक्ता पीके कौरव ने इसके लिए सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा।
कोर्ट ने कहा, पिछले कई आदेशों के बावजूद कट ऑफ डेट के बाद हुए निर्माण भी नहीं हटाए जा सकने के लिए कोई सफाई नही स्वीकार की जा सकती। कोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर, एसपी और नगर निगम सीइओ को निर्देश दिए कि वे दो माह के अंदर सभी सम्बंधितों को सुनवाई का अवसर देकर विधि अनुसार प्रक्रिया के बाद संयुक्त रूप से कार्रवाई कर 1 अक्टूबर 2008 के बाद हुए निर्माणों को हटाना सुनिश्चित करें। इसके पूर्व क्षेत्र की वीडियोग्राफी कर कोर्ट में पेश की जाए, ताकि भविष्य में होने वाले किसी भी ऐसे निर्माण को सुनिश्चित किया जा सके।
कोर्ट आयुक्त नियुक्त
कोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता मनोज शर्मा को कोर्ट आयुक्त नियुक्त किया है। कहा गया कि कोर्ट आयुक्त ग्वारीघाट, तिलवाराघाट व भेड़ाघाट में नर्मदा नदी के 300 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में निरीक्षण कर जमीनी हकीकत के बारे में अपना मत प्रस्तुत करें। यदि कोई अवैध निर्माण या रेत उत्खनन हो रहा हो तो अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपें। नगर निगम को अधिवक्ता शर्मा को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
Published on:
17 Mar 2021 11:27 pm
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