ऐसे बना मामला
पुलिस के मुताबिक रजक का रेत से भरा डम्पर टट्टा पुल के पास निरीक्षक अनुपमा सिंह ने रोका और दस्तावेजों की जांच की। इसमें पनागर खदान से रेत निकाला जाना दर्शाया गया था, लेकिन रेत की रॉयल्टी के दस्तावेज एक दिन पुराने थे। सिंह ने कहा, इस आधार पर रेत का परिवहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने डंपर को जब्त करके नरसिंहपुर कोतवाली थाना पुलिस के हवाले कर दिया। खबर लगते ही रजक और उनके समर्थक कोतवाली थाने पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया गया। पुलिस के अनुसार अवैध रूप से रेत का परिवहन कर रहा डंपर पकड़े जाने से बौखलाए रजक और महिला अफसर के बीच थाने के बाहर जमकर कहा-सुनी भी हुई। रजक ने महिला इंस्पेक्टर को चुनौती देने के अंदाज में कई अपशब्द भी कहे। इस पर लेडी अफसर ने रजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रजक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
खनिज विभाग अलग से करेगा कार्रवाई
रेत के अवैध परिवहन के मामले में खनिज विभाग अलग से कार्रवाई करेगा। खनिज अधिकारी एसएस बघेल ने घटना की पुष्टि की। थाना प्रभारी रवींद्र कुमार गौतम ने बताया, महिला अधिकारी की शिकायत पर रजक के खिलाफ धारा 353,186,294,506 भादवि के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
हर तरफ चला रहा खेल
जानकार सूत्रों का कहना है कि नरसिंहपुर और जबलपुर जिले में नर्मदा की रेट लूटने का खेल जमकर चल रहा है। कुछ रसूखदार जनप्रतिनिधियों के गुर्गे बस इसी काम में लगे हुए हैं। शाम ढलते ही जगह-जगह नर्मदा के किनारे पर रेत माफियाओं का लाव-लश्कर हाजिर हो जाता है। गांवों के किनारे बने घाटों से रेत की अंधाधुंध निकासी की जाती है। इस रेत को रातों ही हाइवा और डंपरों के माध्यम से जबलपुर व अन्य ठिकानों पर पहुंचाया जाता है। जानकारों का दावा है कि रेत की चोरी का यह पूरा खेल अफसरों की मिलीभगत से चल रहा है। सरकार ने नर्मदा की रेत को जबसे पंचायतों के हवाले किया है, तबसे यह गोरखधंधा और अधिक बढ़ गया है। बताया गया है कि कुछ रसूदार जनप्रतिनिधियों ने तो तीन- चार स्थानों पर एनटीपीसी की बाउंड्री के पीछे हजारों डंपर रेत स्टॉक कर ली है। इस रेत को बारिश के समय ऊंचे दामों पर बेचा जाएगा।