
'Sarang',
जबलपुर। चीन से तनातनी के बीच शुक्रवार को जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री से 3 सारंग तोपों (Sharang Cannon) को फ्लैगिंग सेरेमनी में सेना के हवाले कर दिया गया। बता दें कि इन गनों को तैयार करने का कारनामा उन हाथों ने कर दिखाया है, जिनका दूर-दूर तक इससे वास्ता नहीं रहा है। कहा जा रहा है कि 155एमएम का भारी भरकम गोला दागने वाली ये गनें जल्द ही सरहद पर तैनात की जा सकती है।
भारत देश में सबसे ज्यादा ताकतवर तोप धनुष के बाद सारंग का नाम ही आता है। बता दें कि इसका बैरल 155 एमएम 45 कैलिबर का है। इसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर की है। अपग्रेड होने के बाद यह अंधेरे में भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। बीते लंबे समय से जबलपुर के एलपीआर रेंज में इसका परीक्षण किया जा रहा था। इसका निर्माण व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर समेत गन फैक्ट्री जबलपुर में जारी है।
अपग्रेड करेंगे 300 तोप
रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय सेना के लिए आयुध निर्माणी जीसीएफ व वीएफजे ने सारंग तोप सौंपने की तैयारी शुरू कर दी थी। आने वाले 3 सालों में 300 सारंग तोप अपग्रेड (उन्नत) करके सेना को सौंपी जाएंगी। अभी सेना की जरूरत पूरी करने दोनों निर्माणियां काम में जुटी हैं। इससे पहले सारंग तोप का आईनोट जारी किया गया था और अब वह पल आ गया जब सेना के हवाले इन ताकतवर तोपों को सुपुर्द कर दिया गया है।
Published on:
18 Sept 2020 04:39 pm
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