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सर्वार्थ सिद्धि योग में करें भगवान विष्णु की पूजा, माता लक्ष्मी बरसाएंगी कृपा- पंचांग

सर्वार्थ सिद्धि योग में करें भगवान विष्णु की पूजा, माता लक्ष्मी बरसाएंगी कृपा- पंचांग  

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lord vishnu

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ज़़बलपुर। शुभ विक्रम संवत् : 2076, संवत्सर का नाम : परिधावी्, शाके संवत् : 1941, हिजरी संवत् : 1440, मु.मास: सव्वाल तारीख 2, अयन : उत्तरायण, ऋतु : ्रग्रीष्म,
मास : ज्येष्ठ, पक्ष : शुक्ल, तिथि- दोपहर 11.12 तक जया तिथि तृतीया उपरंात रिक्ता तिथि चतुर्थी रहेगी। जया तिथि में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य शुभ माने जाते हैं। जया तिथि में विवाह, गृहारंभ, ग्रहप्रवेश, व्यापारंभ, क्रय विक्रय जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं। यह तिथि मंागलिक कार्य हेतु मंगलकारी मानी जाती है। देवस्थापन, देवप्रतिष्ठा जैसे कार्य अत्यंत सुखद माने जाते हैं।
योग- रात्रि 1.24 तक वृद्धि उपरंात धु्रव योग रहेगा दोनों ही नैसर्गिक योग शुभ तथा सुखद माने जाते हैं।
विशिष्ट योगर्- नामकरण, उपनयन, कर्णवेध, वरकन्यावरण, विपणि व्यापार, सेवारंंभ, चूल्हीस्थापन, वास्तु पूजन के कार्य शुभ हैं।
करण- सूर्योदय काल से गर उपरंात वणिज तदनंतर तैतिल विष्टि का प्रवेश होगा, करण गणना सामान्य है।

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नक्षत्र- चरसंज्ञक तिर्यड़मुख नक्षत्र पुनर्वसु रात्रि 10.19 तक उपरंात पुष्य नक्षत्र रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र में यात्रा, सवारी, कारीगरी, काष्ठकला, शांति पुष्टता, साहित्य, पौधरोपण, कृषिकार्य तथा बागवानी से जुड़े कार्य अत्यंत शुभ तथा सुखद माने जाते हैं। वहीं पुष्य नक्षत्र में सभी प्रकार के व्यावसायिक गतिविधि से जुड़े कार्य शुभ फलकारी माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त - आज नामकरण, उपनयन, वरकन्यावरण, दीक्षाग्रहण, हलप्रवहण, वास्तु पूजन, क्रय विक्रय, व्यापारंभ, नववस्त्रधारण, सेवारंभ जैसे कार्य शुभ रहेंगे।
श्रेष्ठ चौघडि़ए - आज प्रात: 6.00 से 7.30 शुभ दोपहर 10.30 से 3.00 चर, लाभ अमृत तथा रात्रि 6.00 से 9.00 चर एवं अमृत की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ महाराणा प्रताप जयंती, हल्दीघाटी का मेला तथा विष्णु पूजन के लिए विशेष दिवस रहेगा।
चन्द्रमा : शाम 4.36 तक मिथुन राशि में उपरंात चन्द्रप्रधान राशि कर्क राशि में संचरण करेगा।

ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के वृष राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं। सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चंद्रमा का वास पश्चिम दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 1.30.00 बजे से 3.00.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित), आज जन्म लेने वाले बच्चे - आज जन्मे बालकों का नामाक्षर के,को,हा,की अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मिथुन होगी, राशि स्वामी बुध तथा रजतपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मिथुन राशि के जातक प्राय: बलवान, चंचल, तेजस्वी, ऊर्जावान, प्रभावशाली, उदारवृत्ति, स्वाभिमानी, गोवंश से लगाव वाले तथा अत्यंत बुद्धिमान प्रवृत्ति के होते हैं। आयु का पच्चीसवां वर्ष भाग्योदयकारी है।