
जबलपुर. कहते हैं नेक काम की शुरुआत की जाए तो अन्य अच्छे कामों की कडि़या भी जुडती जाती हैं। किसी एक ही मदद करें, तो बाकी लोग भी मदद के लिए भी हाथ बढ़ाते हैं। ऐसा ही नेक और मददगार काम पाटन निवासी नितिन विश्वकर्मा भी कर रहे हैं। नितिन नम्रता शिक्षा एवं पुनर्वास परिषद नाम की संस्था चलाते हैं। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य जहां दिव्यांगों की मदद करना है, वहीं शिक्षा के क्षेत्र में काम करना भी है। अब नितिन के द्वारा पर्यावरण और जीव संरक्षण के लिए भी काम किया जा रहा है।
वॉलेन्टियर से की थी शुरुआतनितिन ने बताया कि उन्होंने साल 2011 में शहर की एक पुनर्वास संस्था के साथ मिलकर काम करना शुरू किया था। वहां वे आईडी वॉलेन्टियर के तौर पर थे, और जनपद केन्द्र पाटन में रहकर दिव्यांगों के लिए काम कर रहे थे। इस बीच भी खुद की संस्था स्थापित करने का इरादा बनाया और नम्रता शिक्षा एवं पुनर्वास परिषद का गठन किया। इस केन्द्र में अधिक से अधिक दिव्यांगों को सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए आईडी बनाने का काम किया जाता रहा।
दिव्यांगों के लिए कैम्प भीनितिन बताते हैं कि संस्था द्वारा गांव में समय-समय पर दिव्यांगों के लिए कैम्प भी लगाए जाते हैं, ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा ना हो। खुद की संस्था पर पूरा समय दे सकें इसलिए उन्होंने अन्य कामों से किनारा बना लिया। वहीं साल 2016 में पाटन में दिव्यांगों के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से निशुल्क विशेष विद्यालय खुलवाया। यहां 100 छात्र पढ़ाई करते हैं। इस दौरान कई समस्याएं भी आईं, लेकिन संस्था द्वारा लगातार सामाजिक न्याय विभाग के निर्देशन में कार्य जारी है।
शासन की योजनाओं का दिला रहे लाभ
वे कहते हैं वर्तमान में कई ऐसे दिव्यांग हैं जो शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के आभाव में जी रहे हैं। क्योंकि या तो उन्हें योजनाओं की जानकारी नहीं है, या तो वे इस योजनाओं ने वंछित रह रहे हैं। ऐसे में नितिन द्वारा दिव्यांगों को समाज से जोड़ने और उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विशेष काम किए जा रहे हैं। इसमें दिव्यांगों को ट्राई साइकिल दिलवाना जैसे काम भी हैं।
Published on:
06 Oct 2022 08:02 pm
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