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गर्मी में फिर जंगल से बाहर आएंगे प्यासे चीतल, हादसों का बढ़ेगा का खतरा

वन विभाग ने सैन्य संस्थानों के साथ नहीं की बैठक

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,Farming on forest land, illegal stone quarrying also in full swing,,,,,,,wild animals at machia biological park of jodhpur

शहडोल के जंगल में मिला पैंगोलिन, शिकार के बाद करोड़ों में करते हैं तस्करी,शहडोल के जंगल में मिला पैंगोलिन, शिकार के बाद करोड़ों में करते हैं तस्करी,Bichiya and Shahpura forests are cut in broad daylight,Bichiya and Shahpura forests are cut in broad daylight,,,वन भूमि पर अतिक्रमण,,plants in forest dept,plants in forest dept,plants in forest dept,दो दिन पहले क्षेत्र में हाथियों को सड़क पार करते राहगीरों ने तस्वीर ली थी।,कांक्रीट के जंगल में खो गई हरियाली, रोपे पौधे भी नहीं बचा पाए जिम्मेंदार,city forest garden in ajmer,मौसम के साथ बदली वन्यजीवों की दिनचर्या, टाइगर, लॉयन, मगरमच्छ और ब्लैकबक को सुहाने लगी धूप

जबलपुर. गर्मी के सीजन में चीतल, सांभर, गुटरी आदि वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने के लिए वन विभाग ने ठोस पहल नहीं है। जंगल के बीच जलस्रोतों के अभाव के कारण ये वन्य प्राणी बाहर निकलते हैं। कभी सडक़ हादसे तो कभी कुत्तों के हमला से उनकी जान चली जाती है। इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने न तो सैन्य संस्थानों से सामंजस्य बैठाने की कोशिश की है और न ही जन भागीदारी से योजनाबद्ध तरीके से कार्य कराने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

शहरी क्षेत्र में गर्मी के सीजन में वन विभाग की रेस्क्यू टीम जख्मी चीतलों के इलाज और मृत होने पर पोस्टमार्टम कराने के काम से सर्वाधिक व्यस्त रहती है। संवदेनशील वन्य प्राणी चीतल लहूलुहान होने या भीड़ से घिरने के बाद घबराहट में दम तोड़ देते हैं। शहरी क्षेत्र में करीब 80 वर्ग किमी क्षेत्र सैन्य संस्थानों में है। जबकि, डुमना नेचर रिजर्व नगर निगम के अधिपत्य है। वहीं निजी भूमि भी वन क्षेत्रों से लगी हुई है। वन विभाग ने हर वर्ष होने वाली मौतों को रोकने के लिए कोई सर्वे नहीं कराया है।

विशेषज्ञ का मत
सेवानिवृत्त वन अधिकारी केएल कॉवरे के अनुसार शहर के प्रमुख संस्थानों में वन्य प्राणियों की सुरक्षा भी एक विषय होना चाहिए। जिला प्रशासन की निगरानी में वन विभाग, नगर निगम एवं सैन्य संस्थानों की बैठक के बाद आपसी समन्वय से गर्मी में चीतल, सांभर जैसे वन्य प्राणियों की मौतों को रोका जा सकता है। भीषण गर्मी से पहले बेहतर जल प्रबंधन हो जाए तो बहुत कम वन्य प्राणी बाहर आएंगे। बचाव के लिए कैमरे या निगरानी दल के माध्यम से रियल टाइम सर्विलांस होना चाहिए।

ये करने होंगे उपाय
-सभी संस्थानों के वन क्षेत्रों में जल प्रबंधन
-संवेदनशील स्थानों पर निगरानी दल की तैनाती
-टूटी हुई फेंसिंग की मरम्मत, बीच से निकलने की कोशिश में फंस जाते हैं वन्य प्राणी
-जन भागीदारी से वन क्षेत्रों के आसपास समुचित जल प्रबंधन
-संवेदनशील क्षेत्रों में कुत्तों को पकड़ा जाए

चीतल सांभर, गुटरी की मौत
वर्ष- रेस्क्यू - मृत
2019-20- 42-22
2018-19- 38-17
2020-21-14-7
(वर्ष 2020-21 के आंकड़े वर्तमान तक )

गर्मी के सीजन में जंगलों में जल प्रबंधन की तैयारी की जा रही है। सैन्य संस्थानों एवं नगर निगम के साथ बैठक कर वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर बात की जाएगी।
रवींद्र मणि त्रिपाठी, डीएफओ