
1973 - project tiger
जबलपुर। मप्र में टाइगर सफारी को लेकर सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। इसी कड़ी में जबलपुर के डुमना नेचर रिजर्व को सेमी वाइल्ड लाइफ सफारी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जो कि आज तक पूरा नहीं हो सका है। वहीं जिम्मेदारों ने भी इसे समय के साथ भुलाना शुरू कर दिया है।
डुमना नेचर रिजर्व में टाइगर सफारी निर्माण प्रोजेक्ट की फाइल एक साल से आगे नहीं बढ़ सकी है। ईको पर्यटन बोर्ड ने प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर मांगा है, लेकिन जमीन के पेंच में काम अटका हुआ है। भूमि के हस्तांरण के लिए निगम प्रशासन और वन विभाग के बीच पत्राचार हो रहा है। अधिकारियों ने प्रोजेक्ट में आ रहे रोड़े को हटाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिम्मेदार जनप्रतिधि भी चुप्पी साधे हुए हैं।
टाइगर सफारी के लिए भोपाल मुख्यालय को प्रारम्भिक प्रोजेक्ट भेजने से पहले वन विभाग ने शहर के तीन क्षेत्रों पर विचार किया था। पीएस वन दीपक खांडेकर और कमिश्नर गुलशन बामरा की मौजूदगी में दोनों विभागों के अधिकारियों ने डुमना में प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय किया था। नगर निगम की एमआईसी ने जमीन देने की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी है। जमीन के लिए वन विभाग हर माह नगर निगम निगम प्रशासन को पत्र भेजकर कोरम पूर्ति कर रहा है।
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जानकारों का कहना है कि जमीन पर सहमति नहीं बनने पर नगर निगम को इनकार करना चाहिए, ताकि दूसरे स्थान के लिए प्रयास शुरू हो सकें। प्रक्रिया के अनुसार डीपीआर ईको पर्यटन बोर्ड के माध्यम से केन्द्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण नई दिल्ली भेजा जाएगा। प्राधिकरण की टीम इस पर अंतिम मुहर लगाएगी। इसके बाद उपलब्ध बजट से तय होगा कि प्रोजेक्ट में जू, रेस्क्यू सेंटर और टाइगर सफारी तीनों को शामिल किया जाए या किसी एक या दो को।
जमीन के हस्तांतरण के बाद कंसल्टेट के माध्यम से डीपीआर बनाया जाएगा। इस सम्बंध में निगम प्रशासन को पत्र भेजा गया है।
- विंसेंट रहीम, डीएफओ, वन विभाग
Published on:
28 Aug 2017 11:43 am
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