
toxic waste will be burnt in pithampur mp high court
Toxic waste will be burnt in Pithampur MP High Court: यूनियन कार्बाइड (यूका) के कचरे को पीथमपुर में जलाने के विरोध में लगी याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य से जवाब तलब किए। इसके दूसरे दिन मंगलवार को हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) 337 टन जहरीले कचरे (Toxic Waste) को पीथमपुर (Pithampur) में जलाने के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने कचरे के निस्तारण के लिए ट्रायल रन की अनुमति दी है। पहले चरण में 27 फरवरी को 10 टन कचरा जलेगा। फिर नियमित अंतराल में दो और 10-10 टन के ट्रायल (Trial) रन होंगे।
पर्यावरणीय रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश होगी। उसके विश्लेषण के बाद निर्णय होगा। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने आदेश में कहा, टेस्टिंग रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को भेजें। रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लें कि कचरे को कितनी मात्रा में और कितने समय अंतराल में नष्ट किया जाए। पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध हो रहा है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, जब यूका के कचरे के निपटान में रोक नहीं है, कचरा वहां पहुंच गया है, फिर विनष्टीकरण में देरी क्यों? इसके बाद तीन चरणों में टेस्टिंग के निर्देश दिए। अब 27 मार्च को सुनवाई होगी।
जनप्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार हाईकोर्ट (MP High Court) के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने मंगलवार को नगर पालिका में बैठक बुलाई। धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र की बैठक का जनप्रतिनिधियों ने बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा, प्रशासन बिना जन सहमति कचरा निपटान की प्रक्रिया आगे बढ़ा रहा है। कलेक्टर ने कहा, कचरे का निपटान निपटान पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से होगा। वहीं, आंदोलनकारी संदीप रघुवंशी ने कहा, हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। वहां से स्टे मिलने की उम्मीद है।
2015 में 10 टन कचरा जलाया था। इस रिपोर्ट के आधार पर 337 टन कचरा निपटान के निर्देश दिए। पीथमपुर में रामकी प्लांट के पास तारपुरा गांव में 2000 लोग रहते हैं। उन्होंने कहा, पहले जलाए-दफनाए कचरे से भूजल प्रदूषित हो गया है।
सोमवार को समाजसेवी चिन्मय मिश्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पूछा था, कचरा पीथमपुर में ही क्यों जलाना है? शासन को नोटिस जारी किया। अब 24 फरवरी को सुनवाई होगी।
एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में अनुपालन हलफनामा दिया। कहा, हम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कचरे के निपटान के साथ आगे बढ़ेंगे। कोर्ट के आदेश के अनुसार, ट्रायल रन तीन चरणों में होगा। पहला चरण 27 फरवरी, दूसरा 4 मार्च, फिर तीसरा चरण होगा। मूल्यांकन के लिए 3 परीक्षणों के परिणाम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजेंगे। उनके निर्देशों पर काम करेंगे और 27 मार्च को कोर्ट में दिशा-निर्देश पेश करेंगे।
Published on:
19 Feb 2025 09:25 am
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