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देश का अनोखा गणेश मंदिर, जहां मन्नतें पूरी होने पर चढ़ाई जाती है चांदी, उसी से हर साल बढ़ती जा रही गणेश की लंबाई

देश का अनोखा गणेश मंदिर, जहां मन्नतें पूरी होने पर चढ़ाई जाती है चांदी, उसी से हर साल बढ़ती जा रही गणेश की लंबाई

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Unique Ganesh temple

Unique Ganesh temple

Unique Ganesh temple : प्रथम पूज्य भगवान गणेश का दस दिवसीय उत्सव बुधवार से शुरू हो गया है। घरों से लेकर पंडालों तक भगवान की मनोहारी प्रतिमाएं विराजेंगी। वहीं सिद्ध मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए भक्तों की कतार लगेगी। ऐसे में संस्कारधानी के एकमात्र रजत गणेश भगवान की चर्चा कैसे नहीं होगी। जो हर साल बढ़ते चले जा रहे हैं। यानि मन्नतों की चांदी से उनका वजन और आकार दोनों बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को ललपुर स्थित सिद्ध गणेश धाम में दस दिवसीय पूजन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

Unique Ganesh temple : मन्नतों ने बनाया रजत गणेश

मंदिर के संस्थापक पं. प्रमोद तिवारी ने बताया ललपुर स्थित सिद्ध गणेश धाम की स्थापना आज से 15 व्र्श पूर्व की गई थी। आज रजत गणेश संस्कारधानी की पहचान बन चुके हैं। यहां मन्नतों के पूरे होने की मान्यता है। जो लोग मन्नतें मांगते हैं या पूर्ण हो जाती हैं, वे सामथ्र्य अनुसार चांदी चढ़ाकर जाते हैं। जिसके चलते हर एक दो साल में उस चांदी को मिलाकर गणेश जी की नई प्रतिमा बनवा ली जाती है। ऐसे में यह मन्नतों की चांदी से आज 41 किलो वजनी व आकार में भी दो फीट से ’यादा ऊंची हो चुकी है। ये प्रतिमा केवल गणेशोत्सव के दौरान ही बाहर आती है, बाकी पूरे साल सुरक्षित स्थान पर विराजमान कर गुप्त पूजन किया जाता है। शास्त्रों में चांदी से निर्मित गणेश मूर्ति की पूजा करने से धन, वैभव, सुख, शांति, सम्पदा प्राप्त होने एवं कष्टों का क्षरण कर जीवन में खुशहाली आने का उल्लेख मिलता है।

Unique Ganesh temple : आज से होंगे विविध पूजन विधान

गणेश धाम में बुधवार से 6 सितम्बर तक प्रतिदिन शाम 5 बजे से 7.30 बजे तक षोडषोपचार पूजन के साथ अर्जी लगना शुरू हो जाएंगी। प्रतिदिन सुबह से शाम तक भगवान के दर्शन पूजन किए जा सकेंगे। इसके अलावा विशेष तिथियों पर अलग से आयोजन होंगे। 6 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान का जल विहार कराया जाएगा। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।