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तहसील कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई

स्पॉट पर समस्याओं का निदान

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sudarshan@123 kumar

Jan 15, 2017

high court

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जबलपुर। प्रदेश की सभी अदालतें हाईटेक हो गई हैं। जिला अदालतों के बाद तहसील अदालतों में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा हो गई है। वीसी के जरिए गवाही, बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया के लिए भी राह प्रशस्त हो जाएगी। तहसील अदालतों में इसके लिए जरूरी उपकरण इन्स्टॉल करने के बाद यह सुविधा शुरू कर दी गई है।

जेल से लाने की दिक्कत होगी समाप्त
इन सभी अदालतों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए स्थानीय जेलों से भी जोड़ा जा रहा है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद जिन आपराधिक मामलों में चालान पेश नहीं हुआ है, उनके आरोपितों को रिमांड के लिए जेल से लाने की परेशानी से निजात मिलेगी।

जेल से ही इनकी रिमांड पर सुनवाई की जाएगी। इससे आरोपितों को जेल से लाने-ले-जाने के खर्च की बचत के साथ पुलिस बल की भी बचत होगी। यह व्यवस्था सफल होने पर इसे गवाही और बयान दर्ज करने के लिए भी विस्तृत किया जाएगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से 2003 में जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा। गवाह की पहचान सुनिश्चित करनी होगी।

सफल रहा था प्रयोग
जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने का प्रदेश में सफल प्रयोग किया जा चुका है। 2015 में भोपाल जेल में निरुद्ध सिमी आरोपितों के बयान सुरक्षा की दृष्टि से जेल से ही दर्ज कराए गए थे।

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