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कौशल विकास से संवर रही बेहतर भविष्य और स्वरोजगार की राह

वर्ल्ड यूथ स्किल डे आज- इस वर्ष की थीम है लर्निंग एंड स्किल फॉर लाइफ, वर्क एंड सस्टेनेबल डवलपमेंट

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जबलपुर

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Neha Sen

Jul 14, 2022

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जबलपुर. वर्तमान दौर ऐसा है जहां केवल डिग्री लेना ही काफी नहीं है। हर क्षेत्र में स्किल्ड युवा की तलाश है, जो किताबी ज्ञान के साथ-साथ अन्य कामों में भी निपुण हो। यह एक्स्ट्रा करिकुलर टैलेंट उन्हें भीड़ से अलग बनाते हैं। कौशल विकास वर्तमान की जरूरत है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर के युवाओं को स्किल्ड बनाने का प्रयास किया जा रहा है। संस्कारधानी में भी कौशल विकास को लेकर बहुत काम हो रहा है, जिसकी शुरुआत स्कूल लेवल से ही हो चुकी है। कॉलेजों में भी अब तेजी से युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए प्रयास हो रहे हैं। हर साल 15 जुलाई को यूथ स्किल डे मनाया जाता है। जिसका बड़ा उद्देश्य युवाओं को कौशल कला और रोजगार से जोड़ना है।रोजगार, स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग

उच्च शिक्षा विभाग ने तमाम सरकारी कॉलेजों में व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ और स्वामी विवेकानंद कॅरियर प्रकोष्ठ बनाए हैं। यह प्रकोष्ठ समय-समय पर युवाओं के लिए स्किल्ड ओरिएंटेड कार्यक्रमों का आयोजन करता है। कक्षाएं लगाई जाती है और विद्यार्थी को न केवल रोजगार के लिए तैयार किया जाता है, बल्कि स्वरोजगार के लिए भी दस-दस दिवसीय प्रशिक्षण दिए जाते हैं। यह प्रशिक्षण प्राप्त कर छात्र-छात्राएं स्वरोजगार अपना सकते हैं।

सेंट्रल स्किल इंडिया द्वारा शहर में संचालित कोर्स- फैशन

- सिलाई- हेल्थ एंड वेलनेस

- कम्प्यूटर ऑपरेटिंग- वेब डिजाइनिंग

रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में स्किल केन्द्रडॉ. सुरेन्द्र सिंह, डायरेक्टर कौशल विकास केन्द्र, रादुविवि ने बताया कि कौशल विकास केन्द्र की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। जहां कुल 14 कोर्सेज चलाए जा रहे हैं। इन कोर्सेज में मेडिकल लैब और पीजी काउंसलिंग के नए कोर्स युवाओं के लिए शुरू किए गए हैं। इनमें युवाओं का रुझान अधिक है। पीजी काउंसलिंग इस साल से ही शुरु की गई है, जिसकी 30 से 28 सीट्स भरी हुई हैं।

वर्जनन्यूज पेपर की डॉल बनाती हूं

लॉकडाउन के दौरान मैंने पेपर्स से डॉल बनाने का काम शुरू किया था। हजार रुपए तक की डॉल सेल की है। कौशल कला से जुड़कर युवाओं के लिए अब कई मौके बढ़ रहे हैं।महिमा पटेल

पोट्रेट पेंटिंग की करती हूं सेलिंगदो साल पहले मैंने यह काम शुरू किया है। पेंटिंग का सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई की, लेकिन कॉलेज के स्वामी विवेकानंद प्रकोष्ठ से जुड़कर खुद का काम शुरू करने का अवसर मिला।

नम्रता तिवारी