
2 women councilors resigned Congress : नगर निगम में सभापति के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो चुका है, लेकिन कांग्रेसी पार्षदों के बीच से अब इस बात की नाराजगी सामने आ रही है कि उन्हें वोटिंग में शामिल होने से क्यों रोका गया। पार्षदों ने अब खुले तौर पर बोलना शुरू कर दिया है कि अगर वे वोटिंग में शामिल होते तो सभापति को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ती।
बुधवार को शहर कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज राजीव भवन पहुंचे तो महाराणा प्रताप वार्ड की पार्षद नेहा धु्रव और सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड की पार्षद श्वेता बघेल ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा सौंपे जाने से पहले राजीव भवन के सामने मीडिया से बात करते हुए दोनों महिला पार्षदों ने कहा कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने अविश्वास प्रस्ताव के दिन हमें सभी महापौर, सभी पार्षदों और कांग्रेस पदाधिकारियों के सामने सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। पार्षद नेहा धु्रव ने आरोप लगाया कि अविश्वास प्रस्ताव के दिन जब वे अपने घर से कांग्रेस भवन के लिए निकलीं तो उनका और श्वेता बघेल का कुछ लडक़ों के जरिए पीछा करवाया गया।
अविश्वास प्रस्ताव के दिन सुबह 11 बजे कांग्रेस भवन पहुंचने पर अध्यक्ष ने सबके सामने उनसे कहा कि देरी से क्यों आ रही हो। जब महिला पार्षदों ने सम्मानजक तरीके से बात करने कहा तो अध्यक्ष मौर्य ने कहा कि मैं अध्यक्ष हूं और इस नाते पीछा करवा सकता हूं। पार्षद श्वेता बघेल ने इस दौरान कहा कि सभी कांग्रेसी पार्षदों को जबरन कांग्रेस भवन में बिठाया गया था क्योंकि अगर हम वोटिंग में शामिल होते सभापति को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ती। सभी पार्षद सभापति से नाराज हैं। महिला पार्षदों के पार्टी से इस्तीफे के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं।
पार्षद नेहा धु्रव और श्वेता बघेल ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया है और अब वे किसी कीमत में कांग्रेस पार्टी में वापस नहीं जाने वाली हैं। दोनों ने कहा कि पार्टी में हमारा अपमान हुआ है और हम इसे भूला नहीं सकते। यह सब पिछले छह महीने से लगातार हो रहा था इसलिए हमने इस्तीफा देना उचित समझा। भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है और किसी भी भाजपा नेता ने इसे लेकर हमसे संपर्क नहीं किया है।
Published on:
14 Mar 2024 12:47 pm
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