
अबूझमाड़ में बना बसवा राजू का स्मारक (फोटो सोर्स- पत्रिका)
Chhattisgarh Naxal Encounter: बस्तर के अंदरुनी इलाकों में सुरक्षाबलों के दबाव के बीच नक्सली इन दिनों शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान वे जगह-जगह शोकसभा आयोजित कर अपने मारे गए साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। नक्सली अपने मृत साथियों के योगदान का बखान करते हुए उन्हें जनता के लिए शहीद बता रहे हैं।
गौरतलब है कि नक्सली हर साल 27 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते हैं। इस वर्ष इसके आयोजन की खबरें अबूझमाड़, कोयलीबेड़ा, इंद्रावती नेशनल पार्क और पामेड़ इलाकों से मिली हैं।
बसवा राजू 21 मई 2025 को अबूझमाड़ के गुंडेकोट जंगल में फोर्स के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। यह क्षेत्र बीजापुर और नारायणपुर की सीमा पर स्थित है। बसवा राजू की मौत नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सलियों ने अबूझमाड़ में उसका स्मारक तैयार किया।
बताया जाता है कि इस आयोजन में बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे थे। यहां बसवा राजू के संगठन में योगदान का उल्लेख करते हुए उसे जनता का हितैषी बताया गया और सभी मारे गए नक्सली नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। नक्सलियों की चेतना नाट्य मंडली सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भी बसवा राजू को याद किया।
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि पुलिस पूरी तरह सतर्क है और नक्सलियों के खिलाफ फोर्स का ऑपरेशन मानसून जारी है। जहां भी नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही है, फोर्स तत्काल वहां पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि जनता का नक्सलियों से भरोसा उठ चुका है और अब लोग इनके भ्रम में आने वाले नहीं हैं। आईजी का दावा है कि मार्च 2026 तक बस्तर से सशस्त्र नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
नक्सलियों के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने बयान जारी कर बताया कि जनवरी 2024 से जून 2025 तक पूरे देश में 540 नक्सली नेता मारे गए हैं। इनमें संगठन के महासचिव बसवा राजू सहित कई पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। सबसे अधिक नुकसान दंडकारण्य के बस्तर इलाके में हुआ है, जहां अकेले 450 से अधिक नक्सली मुठभेड़ों में ढेर किए गए।
Published on:
01 Aug 2025 10:07 am
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