
Bastar Dussehra 2025 (Photo source- Patrika)
Bastar Dussehra 2025: विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा लोकोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंगलवार 7 अक्टूबर की शाम लालबाग मैदान संगीत, नृत्य और जनजातीय परंपरा के रंगों में सराबोर हो उठा। इस भव्य सांस्कृतिक संध्या में बॉलीवुड संगीत और बस्तर की लोकसंस्कृति का ऐसा अनूठा संगम देखने को मिला जिसने दर्शकों को देर तक बांधे रखा।
कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण लोकप्रिय गायक पवनदीप राजन और गायिका चेतना रहे। दोनों कलाकारों ने अपनी सुरीली आवाज़ और जोशभरी प्रस्तुतियों से लालबाग मैदान में ऐसा माहौल बना दिया कि हर ओर संगीत की गूंज फैल गई। पवनदीप ने अपने गायन के साथ गिटार, ड्रम्स जैसे कई वाद्य यंत्रों पर भी शानदार प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत स्कूली और कॉलेज छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों से हुई।
स्वामी विवेकानंद स्कूल के विद्यार्थियों ने सरस्वती मंगलाचारण से कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसके बाद बिहू (आसामी), ओड़िया समूह नृत्य और केरल के वायनाड ट्रायबल डांस जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद बस्तर की समृद्ध जनजातीय परंपरा मंच पर सजीव हो उठी। (Bastar Cultural Evening) लामकेर के कलाकार कल्लूराम और उनके साथियों ने गेड़ी नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दी। कलाकारों ने बांस की गेड़ी पर संतुलन बनाते हुए ताल और लय के साथ जो उत्साहपूर्ण नृत्य किया, उसने पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से भर दिया।
पारंपरिक परिधानों और ऊर्जावान कदमों से सजे इस प्रदर्शन ने बस्तर की माटी की खुशबू को मंच पर बिखेर दिया। दरभा विकासखंड के छिंदावाड़ा से आए महादेव और उनके साथियों ने पारंपरिक परिधान में ढोल-मांदर की थाप पर धुरवा नृत्य प्रस्तुत किया। (Folk Culture Bastar) समूह के सधे हुए कदम, सामूहिक तालमेल और उत्साही भाव-भंगिमाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी क्रम में कलचा हायर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों ने गौर नृत्य की प्रस्तुति देकर बस्तर की गौरवशाली परंपरा को सजीव कर दिया। सींगदार टोपी और पारंपरिक वेशभूषा में सजे इन युवा कलाकारों की प्रस्तुति शौर्य और उत्साह का प्रतीक बनी। शाम का एक और प्रेरणादायक क्षण रहा सक्षम कलेक्टिव बैंड का प्रदर्शन।
Bastar Dussehra 2025: दिव्यांग बच्चों से मिलकर बने इस बैंड ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति से हजारों दर्शकों को भावविभोर कर दिया। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन और गिटारवाला संस्था की पहल पर प्रशिक्षित इन बच्चों ने अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास से यह संदेश दिया कि हुनर किसी भी शारीरिक सीमा का मोहताज नहीं होता। सक्षम कलेक्टिव का यह प्रदर्शन संगीत और प्रेरणा दोनों का अद्भुत संगम साबित हुआ। (Bastar Festival) कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्रसिद्ध नृत्यांगना विधि सेनगुप्ता ने ओडिसी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। उनकी सधी हुई मुद्राओं और भावपूर्ण अभिव्यक्ति ने दर्शकों को शास्त्रीय नृत्य की अद्भुत गरिमा का अनुभव कराया।
सांस्कृतिक संध्या में कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुन्दरराज पी., कलेक्टर हरिस एस., जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में कला प्रेमी दर्शक उपस्थित रहे। लोकोत्सव ने सिद्ध किया कि यह पर्व केवल आस्था का नहीं, बल्कि जनजातीय कला, संगीत और सांस्कृतिक एकता का भी उत्सव है।
Published on:
09 Oct 2025 12:40 pm
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