
रायपुर, विशाखापट्टनम और ओडिशा की मांग अटकी (photo source- Patrika)
CG Flights: बस्तर के उड़ान का सपना अब मुद्दाहीन हो चुका है। किसी भी जिम्मेदार की प्राथमिकता में अब बस्तर की उड़ान नहीं है। सेवा शुरू होने पर जिम्मेदारों को भी इसका लाभ मिलता है फिर भी वे पिछले दो साल से लगातार बंद होती फ्लाइट्स को लेकर मौन साधे हुए हैं।
विमानन कंपनियों ने सरकार से स्पष्ट कह दिया है कि आप केंद्र सरकार से सब्सिडी दिलावाएं तो हम सेवा शुरू कर सकते हैं बावजूद इसके राज्य स्तर पर बस्तर से फ्लाइट शुरू करने कोई पहल नहीं हो रही है। मौजूदा साय सरकार के वक्त में ही जगदलपुर से रायपुर और दिल्ली की विमान सेवा बंद हुई। हैदराबाद की सेवा इसलिए जारी है क्योंकि व कमर्शियल रेट पर चल रही है।
प्रति किमी के हिसाब से केंद्र सरकार विमानन कंपनियों को घाटे की रकम देती है बावजूद राज्य सरकार बस्तर से दोबारा सेवाएं शुरू करने मौन साधी हुई है। शहर की जागरूक जनता में इस बात को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जगदलपुर से अन्य शहरों की ओर फ्लाइट सुविधाओं को लेकर समय समय पर घोषणाएं तो होती रहती है। पर अमल नहीं हो रहा है।
वि मानन मामलों के जानकार बताते हैं कि रीजनल एयर कनेक्टिविटी स्कीम 2.0 और वीजीएफ के तहत केंद्र सरकार फ्लाइट के टिकट पर बेस रेट पर ही सब्सिडी देती है। यह दर प्रति किमी की दूरी के हिसाब से तय होती है। अगर एक फ्लाइट में आने-जाने में दो सीट खाली रहती है तो सरकार जगदलपुर से रायपुर की एविएशन दूरी के हिसाब से भुगतान करेगी। यह दर प्रति सीट 1800 से 2000 तक होती है। हालांकि इस पर कंपनियों का कहना है कि सीटें खाली जाएं ऐसा कम ही होता है पर सब्सिडी रेट होने से यात्रियों को भी फायदा होता है। यही कारण है कि कंपनियां बेहतर रिस्पांस के लिए स्कीम के तहत संचालन चाहती हैं।
CG Flights: हैदराबाद की फ्लाइट का किराया कमर्शियल रेट में 12 से 15 हजार तक पहुंच जाता है। फ्लाइट की न्यूनतम टिकट भी 5 से 6 हजार रुपए की होती है। वहीं अगर यह रुट स्कीम में शामिल हो जाए तो किराया 2 से 3 हजार के बीच पहुंच जाएगा। पूर्व में जब एलायंस एयर उड़ान योजना के तहत इस रुट पर संचालन कर रही थी तो वह महज 3 हजार तक में हैदराबाद का सफर करवा रही थी। ऐसा ही किराया रायपुर का था।
स्थानीय एयरपोर्ट को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार से करीब 14 करोड़ रुपए का फंड मिला हुआ है। एयरपोर्ट में कई तरह के एडवांस काम होने हैं। पहली बार एयरपोर्ट के रनवे को नए सिरे से बनाया जाना है। इस काम को स्वीकृत हुए सालभर से ज्यादा का वक्त हो चुका है बावजूद काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार बस्तर के इकलौते एयरपोर्ट को लेकर कितनी रुखि रखते हैं।
Updated on:
06 Nov 2025 11:42 am
Published on:
06 Nov 2025 11:41 am
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