
एमएलबी में ६वीं से 12वीं तक दिया जा रहा प्रवेश (Photo source- Patrika)
CG News: शहर का सबसे पुराना गर्ल्स स्कूल 106 साल के बाद अपना इतिहास दोहराने जा रहा है। 1919 में जब स्कूल का नाम ग्रिकसन स्कूल था तो यहां पर गर्ल्स-ब्वॉयज साथ पढ़ते थे। अब 106 साल बाद यह मौका आया है जब यहां गर्ल्स-ब्वॉयज साथ पढ़ेंगे। एमएलबी स्कूल में इसी सत्र से छात्रों को एडमिशन देना शुरू हो चुका है। स्कूल में एक सदी के बाद छात्रों की वापसी होने जा रही है।
शहर में एमएलबी के अलावा कन्या क्रमांक दो सिर्फ गर्ल्स के लिए संचालित हो रहे थे लेकिन सालों बाद ऐसा हो रहा है कि इन दोनों स्कूल को को-एड किया जा रहा है। दरअसल प्रदेश स्तर पर को-एड शिक्षा को लेकर शासन ने आदेश जारी किया है। इसके तहत सभी जिलों में गर्ल्स स्कूल को को-एड किया जा रहा है। दुर्ग जिले से इसकी शुरुआत हुई थी और अब बाकी जिलों में भी इसे लागू किया जा रहा है। इसके पीछे की वजह स्कूलों की दर्ज संख्या में संतुलन बनाए रखना है। को-एड होने के बाद यहां दर्ज संख्या बढ़ेगी।
ग्रिकसन स्कूल को लेकर जो जानकारी सामने आती है उसके अनुसार साल 1900 से 1930 तक बस्तर में एक ग्रिकसन नामक ब्रिटिश अधिकारी हुआ करते थे। वे एक आईसीएस अधिकारी थे। उन्हीं के नाम पर स्कूल का नाम रखा गया था। उन्होंने बस्तर में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किए थे। बस्तर हाई स्कूल की शुरुआत भी उन्हीं के दौर में हुई थी। ग्रिकसन स्कूल 1919 में मीडिल स्कूल के रूप में शुरू हुआ था।
CG News: स्कूल की प्राचार्य वंदना मदनकर ने बताया कि स्कूल में को-एड व्यवस्था लागू होने से पहले ही एक अतिरिक्त बिल्डिंग का निर्माण शुरू हो गया था। अब यहां पर छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त कक्षा होगी। बच्चों को शहर के मध्य में बेहतर सुविधाओं के साथ गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने का प्रयास किया जाएगा।
स्कूल की प्राचार्य वंदना मदनकर ने बताया कि एमएलबी स्कूल में इस बार छात्र-छात्राओं को एक साथ विभिन्न संकायों में प्रवेश दिया जा रहा है। यहां पर कृषि, कला, विज्ञान, गणित, कॉमर्स, गृह विज्ञान की पढ़ाई अब छात्र-छात्राएं एक साथ कर पाएंगे। इसके अलावा स्कूल में एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड और खेल के माध्यम भी बच्चे अपनी प्रतिभा को आगे ले जा पाएंगे।
CG News: बस्तर जिले में एमएलबी के अलावा कन्या क्रमांक 2 ही गर्ल्स स्कूल हैं। इन दो स्कूलों के अलावा बाकी सभी स्कूल को-एड बन चुके हैं। स्कूलों में छात्राओं की घटती संख्या को देखते हुए दर्ज संख्या में संतुलन बनाए रखने के लिए शासन ने गर्ल्स-ब्वॉयज को-एड करने का निर्णय प्रदेश स्तर पर लिया है।
शहर के मध्य में पहले सिर्फ ग्रिकसन स्कूल ही था। 1926 तक यहां गर्ल्स-ब्वॉयज साथ पढ़ते थे। इसके बाद 1926 में बस्तर हाई स्कूल बना तो यहां के ब्वॉयज बस्तर हाई स्कूल में चले गए और फिर आजादी के बाद स्कूल का नाम महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उच्चतर माध्यमिक पड़ा। जिसे एमएलबी स्कूल के नाम से आज तक जाना जाता है।
Updated on:
26 Jun 2025 12:47 pm
Published on:
26 Jun 2025 12:46 pm
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
