
चिकित्सकों और स्टॉफ की सराहनीय भूमिका (Photo source- Patrika)
CG News: बीजापुर जिले के मद्देड तोयनार गाँव में एक 11 माह की बच्ची को करैत सांप ने डस लिया, लेकिन समय पर उपचार और मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के डॉक्टरों की अथक मेहनत ने मासूम को नया जीवन दे दिया। यह एक ऐसा मामला बन गया है, जिसमें 97 घंटे तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद बच्ची ने जिंदगी की जंग जीत ली।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि बच्ची अस्पताल लाए जाने के समय पूरी तरह बिहोश और विषाक्त स्थिति में थी। तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया और चार दिनों तक लगातार चिकित्सकीय निगरानी में इलाज चलता रहा।
शिशु वार्ड की टीम ने 97 घंटे की लगातार मेहनत के बाद बच्ची को खतरे से बाहर निकाला। डॉक्टर साहू के साथ डॉ. डी आर मंडावी, डॉ. तुषार, डॉ. उदित यादव, डॉ. सायली, डॉ. प्रियंका, डॉ. दिवाकर, डॉ. पवन, डॉ. अपूर्व, और स्टाफ नर्सों की पूरी टीम ने दिन-रात मेहनत कर बच्ची की जान बचाई।
CG News: मद्देड निवासी अनिल उरसा की 11 माह की बेटी अल्पना को 16 जून की रात सोते समय करैत साँप ने हाथ की उंगली में डस लिया। परिजनों ने बच्ची की चीख सुनकर साँप को देखा और बिना देर किए उसे बीजापुर जिला अस्पताल ले गए।
वहाँ से 17 जून को हालत गंभीर होने के कारण बच्ची को मेकाज जगदलपुर रेफर किया गया। अल्पना अब पूरी तरह से स्वस्थ है और डॉक्टरों की टीम के प्रति उसके परिजन ने आभार व्यक्त किया है। यह मामला साबित करता है कि सही समय पर निर्णय और मेडिकल संसाधनों की तत्परता जीवन को संकट से बाहर निकाल सकती है।
Published on:
27 Jun 2025 12:35 pm
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
