
CG News: 16 अप्रैल को बीजापुर जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन में कांदुलनार, मोरमेड़ और तोयनार गांवों के जंगल में घायल अवस्था में मिले बाघ के शिकारियों को वन विभाग के टीम द्वारा गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। वन विभाग की जांच टीम ने इस मामले में लिप्त आरोपियों की पता तलाश करते हुए घटना स्थल के आसपास मिले साक्ष्यों के आधार पर मृतक आरोपी कन्ना चापा के गांव कांदुलनार पहुंचे।
सह आरोपी मनीष पुलसे को पकड़ कर कड़ी पूछताछ किया जिसके बाद आरोपी द्वारा बाघ उनके द्वारा लगाए गए फंदे में फंसना स्वीकार किया जिसके बाद टीम ने उसे सहयोग करने वाले 5 अन्य ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए शिकारियों द्वारा लगाए गए तार के फंदे में फंसकर ही बाघ गंभीर रूप से घायल हो गया था।
बाघ के शिकार करने व उसे फंदे में फंसाने के आरोपी मनीष पुलसे पिता पुलसे बाबू निवासी- कांदुलनार को वन जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत् कार्यवाही कर 21 अप्रैल को रिमाण्ड लेकर जेल दाखिल किया गया है।
इस घटना के कुछ दिनों बाद 16 अप्रैैल को ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को घटना स्थल में बाघ के घायल अवस्था में होने की जानकारी मिली। इसके बाद 16 व 17 अप्रैल की रात को बाघ को ट्रैंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया और प्राथमिक उपचार के बाद उसे रायपुर के जंगल सफारी में इलाज के लिए भेजा। जानकारी के अनुसार शिकारियों द्वारा लगाए गए तार के फंदे में फंसकर बाघ गंभीर रूप से घायल बाघ के पिछले दोनों पैरों में गहरे घाव थे, जिनमें कीड़े पड़ गए थे और सड़न शुरू हो गई थी।
CG News: जांच टीम की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह तार के फंदे को जंगली सूअर पकड़ने के उद्देश्य से लगाया था। इसके कुछ दिनों बाद फंदे में बाघ फंस गया। इस फंदे में बाघ के पिछले दोनों पैर बूरी तरह फंस गया जिससे निकलने बाघ द्वारा ताकत लगाने पर गहरा जम हो गया। इसी दौरान वह अपने मृतक साथी कन्ना चापा पिता समैया चापा निवासी-कांदुलनार व कुछ अन्य के साथ रेकी के उद्देश्य से मौके पर गया था।
Updated on:
23 Apr 2025 12:14 pm
Published on:
23 Apr 2025 12:13 pm
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
