CG Smart Meter: जगदलपुर में स्मार्ट मीटर की शुरुआत उम्मीदों के साथ हुई थी, लेकिन अब उपभोक्ता व्यवस्था के पूरी तरह कार्यान्वित होने का इंतजार कर रहे हैं।
CG Smart Meter: फिलहाल तकनीकी ढांचे की कमी और विभागीय समन्वय न होने से यह योजना अधर में लटकी है। शहर और आस-पास के क्षेत्रों को आधुनिक बिलिंग प्रणाली से जोड़ने के लिए बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत की थी। लेकिन योजना अपनी रफ्तार खोती नजर आ रही है। पहले चरण में जहां 1 लाख 31 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया गया था, वहीं अब तक केवल 3 हजार घरों में ही मीटर इंस्टॉल हो पाए हैं।
इन मीटरों को बिजली उपभोक्ताओं को पारदर्शी और डिजिटल बिलिंग सेवा देने के उद्देश्य से लगाया गया था। मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को प्रीपेड बिलिंग सिस्टम से जोड़ा जाना था, जिससे वे मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली खर्च के अनुसार भुगतान कर सकें। लेकिन यह सुविधा अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। बिजली वितरण कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ताओं को 'यूज ऐंड पे' यानी जितनी बिजली खर्च, उतना भुगतान की सुविधा देने की योजना थी।
इसके लिए मोबाइल ऐप और पोर्टल तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन तकनीकी ढांचे की कमी और विभागीय समन्वय न होने से यह योजना अधर में लटक गई है। जगदलपुर में स्मार्ट मीटर की शुरुआत उम्मीदों के साथ हुई थी, लेकिन अब उपभोक्ता व्यवस्था के पूरी तरह कार्यान्वित होने का इंतजार कर रहे हैं। बिजली विभाग के लिए यह ज़रूरी हो गया है कि वह स्थानीय स्तर पर तकनीकी ढांचे को मजबूत कर, उपभोक्ताओं को नई सुविधा का लाभ समय पर पहुंचाए।
बिजली विभाग के स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य तेजी से किया गया है। लेकिन प्रीपेड सिस्टम को पूरी तरह शुरू करने के लिए डेटा सेंटर, सर्वर, ऐप इंटीग्रेशन और तकनीकी सपोर्ट की ज़रूरत है, जिस पर राज्य स्तर पर काम चल रहा है।
CG Smart Meter: हिलोन ध्रुव, कार्यपालन अभियंता, शहरी क्षेत्र: स्मार्ट मीटर के साथ प्रीपेड सुविधा लागू किए जाने से न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी खर्च पर नियंत्रण मिलेगा। साथ ही बिजली चोरी और बिल बकाया जैसी समस्याएं भी काफी हद तक कम की जा सकती हैं।
शहर के धरमपुरा, बकावंड रोड, आसना और मेन रोड इलाके के कई उपभोक्ताओं ने बताया कि उनके घरों में स्मार्ट मीटर तो लगा है, लेकिन बिल अभी भी पोस्टपेड तरीके से आ रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर के साथ नई प्रणाली का लाभ नहीं मिल पा रहा है, बल्कि कुछ मामलों में बिल में गड़बड़ी की शिकायतें भी आई हैं।