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सैलाब से तबाही..! आधी रात में उजड़ गए 50 से अधिक आशियाने, पुल-एनीकेट पर जमी गाद बनी वजह

Flash Flood in Jagdalpur: जगदलपुर जिले में लोहांडीगुड़ा ब्लाक के मांदर में बाढ़ की विभिषिका से चार दिन बाद भी प्रभावित उबर नहीं सके हैं।

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सैलाब से तबाही..! आधी रात में उजड़ गए 50 से अधिक आशियाने(photo-patrika)

सैलाब से तबाही..! आधी रात में उजड़ गए 50 से अधिक आशियाने(photo-patrika)

Flash Flood in Jagdalpur: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में लोहांडीगुड़ा ब्लाक के मांदर में बाढ़ की विभिषिका से चार दिन बाद भी प्रभावित उबर नहीं सके हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मांदर नाले के बाईं ओर ढलान पर बसे चिकलापारा में गाद के साथ आठ फीट ऊंची लहर तेज रफ्तार से आकर टकराई थी।

Flash Flood in Jagdalpur: आठ फीट ऊंचे सैलाब का कहर

गुरुवार की सुबह नौ बजे आई इस आपदा में पानी के दबाव व गाद के सामने जो भी पेड़, मकान, सामान आया वहीं दबकर रह गया। लोग जान बचाकर दूर भाग खड़े हुए। एक से डेढ़ घंटे बाद बारिश थमी तो उन्होंने ऐसा भयावह मंजर देखा जिससे वे कांप गए। पीजी कालेज जगदलपुर के एचओडी जियोलाजी के भूगर्भ शास्त्री डॉ. अमितांशु झा ने कहा की यदि रात में यह होता तो मकान के नीचे ही उनकी जलसमाधि बन जाती।

50 से ज्यादा घर ढहे

मां दर में जो स्थिति बताई जा रही है। उसकी वजह फ्लैश फ्लड जैसी है। दरअसल इस गांव के आसपास किसी एक ही जगह कम समय में सौ मिमी से अधिक बारिश हुई होगी। पानी के इस वेग ने आसपास के गाद को अपने में समाहित किया होगा।

यह बहकर जब मांदर पुल के पास बने एनीकेट तक पहुंची होगी तो गेट बंद रहा होगा। इससे पानी का लेवल छह फीट से अधिक ऊंचा का हो गया होगा। ग्रामीण यदि कह रहे हैँ कि बादल फटा है तो इससे इंकार नहीं किया जा सकता। यह अध्ययन का विषय है।

आंजर की ओर से आया रैला

मांदर नाले में आंजर व नेंगानार से होकर दर्जनों छोटे- बढ़े नालों का पानी आकर मिलता है। यह पानी मांदर गांव से होकर सिरिसगुड़ा व फिर चित्रकोट मार्ग की ओर बहता हुआ कई भाग में बंटकर देउरगांव के पास इंद्रावती में समाहित होता है। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश थमने के बाद लोग लौटे तो सब उजड़ चुका था। चार दिन बाद भी तीन से चार फीट तक की गाद इन मकानों में घुसी हुई है। लोग फावड़े से खोदकर गाद के नीचे से अपने दैनिक उपयोग के सामान निकालते नजर आए।