
CG Naxalism and Maoism: कांकेर में हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को ऐसे ही सफलता नहीं मिली, इसके लिए पूरी रणनीति बनाई गई थी। बस्तर में सुरक्षाबलों को अपने ऊपर हावी होते हुए नक्सली पहले से ही बौखलाए हुए थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की बढ़ती संख्या से भी माओवादी कैडर का हौसला पस्त होता जा रहा था। जनता के बीच यह सन्देश पहुंच चुका था कि नक्सलियों के दिन अब लद गए। अपने खौफ को कम होते देख नक्सलियों ने षड्यंत्र रचा था कि लोक सभा चुनाव को फ्लॉप करने के लिए भयंकर खूनखराबा करना है और चारो तरफ लाशें ही लाशें बिछा देनी है, लेकिन सुरक्षाबलों को इसकी भनक लग गई और फिर बना आतंकियों को साफ करने का काउंटर एक्शन प्लान। कांकेर में 16 अप्रैल 2024 को जिस तरह सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया कि किस तरह केंद्र व राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन अभियान को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सुरक्षाबलों की नई रणनीति के मुताबिक अब फोर्स नक्सलियों की घेराबंदी कर ऑपरेशन को अंजाम देती है, इससे नक्सलियों को भागने का मौका नहीं मिलता। फोर्स पहले आत्मसमर्पण के लिए कहती है और यदि नक्सली नहीं मानते तो फिर फोर्स की हैवी फायरिंग में नक्सली मारे जाते हैं। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद फोर्स इस आक्रामक रणनीति के तहत एंटी-नक्सल ऑपरेशन चला रही है। इसमें फोर्स को काफी कामयाबी भी मिल रही है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि वर्ष 2024 में फोर्स ने अब तक 71 नक्सलियों को मार गिराया है। बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किए हैं।
जवानों ने कांकेर जिले के हापाटोला-बिनागुंडा के जंगल में हुई मुठभेड़ में नक्सलियों की परतापुर एरिया कमेटी का सफाया कर दिया है। मृतकों में परतापुर का इंचार्ज शंकर और उसकी पत्नी रंजिता भी शामिल है। हालाकि मृत 29 नक्सलियों में से मात्र 9 की ही शिनाख्त हो पाई है, इनमे से 4 उत्तर बस्तर डिविजनल कमेटी के है जो कि परतापुर कमेटी के अलग अलग विंग के प्रभारी तथा 5 परतापुर एरिया कमेटी सदस्य के रूप में इन्हे पहचाना गया है।
Updated on:
18 Apr 2024 11:36 am
Published on:
18 Apr 2024 10:58 am
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