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नक्सल संगठन का बड़ा आरोप… पुलिस ने कोसा और गुडसा को गिरफ्तार कर किया फर्जी मुठभेड़

Fake Encounter: माड़ मुठभेड़ पर नक्सल संगठन ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए, कहा गुडसा और कोसा को गिरफ्तार कर फर्जी मुठभेड़ में मार डाला गया।

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Bijapur Naxal Encounter: बीजापुर–दंतेवाड़ा बॉर्डर पर बड़ी मुठभेड़, DRG का एक जवान शहीद, अब तक 5 नक्सली ढेर

बीजापुर–दंतेवाड़ा बॉर्डर पर बड़ी मुठभेड़ (Photo Patrika)

Fake Encounter: माड़ में 22 सितम्बर को हुई मुठभेड़ को लेकर कई आरोप लगाए गए हैं। दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने विकल्प के हवाले से एक विज्ञप्ति जारी की है। इसी मुठभेड़ में मारे गए गुडसा उसेंडी को विकल्प के नाम से जाना जाता था। नक्सली उसकी मौत के बाद भी उसके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहला बड़ा आरोप कोसा और गुडसा को गिरफ्तार कर मारने का है।

Fake Encounter: मुठभेड़ का रूप देकर मार डाला गया

कहा गया कि गुडसा और कोसा पिछले 10 महीनों से अलग जिम्मेदारी निभा रहे थे और जंगल में सक्रिय नहीं थे। उन्हें रायपुर या अन्य जगहों से 11 से 20 सितम्बर के बीच निहत्थे अरेस्ट किया गया। संगठन का आरोप है कि गिरफ्तार करने के बाद उनसे पार्टी की गुप्त जानकारी के लिए यातनाएं दी गईं और आखिरकार 22 सितम्बर को माड़ इलाके में ले जाकर मुठभेड़ का रूप देकर मार डाला गया। बयान में यह भी कहा गया है कि पुलिस तक उनकी जानकारी पहुंचने की बड़ी वजह लगातार हो रहे आत्मसमर्पण हैं।

नक्सलवाद अब आखिरी दौर में

Fake Encounter: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य में नक्सलवाद अपने आखिरी दौर में है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा। बुधवार को ही 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

इनमें से 30 पर 50 हजार से लेकर 8 लाख तक का इनाम था। कुल इनाम राशि करीब 64 लाख रुपये है। अब तक 1770 से ज्यादा नक्सली संगठन छोड़ चुके हैं और मुख्यधारा में लौटे हैं। बस्तर बदल रहा है, नक्सलवाद का अंधियारा छंट रहा है। यह उज्ज्वल भविष्य और स्थायी शांति का परिचायक है।