
घुटनों पर नक्सलवाद (Photo source- Patrika)
CG Naxal News: नक्सल मोर्चे पर बड़ा बदलाव हुआ है। केंद्रीय कमेटी सदस्य और प्रवक्ता अभय उर्फ सोनू ने कहा कि नक्सली अब अस्थायी रूप से हथियारबंद संघर्ष को विराम देने और सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं। उन्होंने एक माह का समय मांगा है ताकि मुख्यधारा में आने और जनता की समस्याओं के समाधान पर चर्चा की जा सके। यह ऐलान संगठन की तरफ से जारी प्रेस नोट में 15 अगस्त 2025 की तारीख के साथ किया गया है।
बता दें नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय उर्फ सोनू ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी कर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि संगठन अस्थायी रूप से हथियारबंद संघर्ष को विराम देने और सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार है। नक्सलियों ने एक माह का समय मांगा है ताकि मुख्यधारा में आने और जनता की समस्याओं के समाधान पर चर्चा की जा सके। प्रेस नोट में उन्होंने यह भी बताया कि मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह से संगठन सरकार के साथ ईमानदार प्रयास कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार ने सकारात्मक रुख नहीं अपनाया।
प्रवक्ता अभय के अनुसार पार्टी ने घोषणा की है कि वह अस्थायी रूप से हथियारबंद संघर्ष को विराम दे रही है और देश में उत्पीड़ित जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जन-संघर्षों के जरिए मुख्यधारा में आने की दिशा में कदम उठाएगी। प्रेस नोट पर 15 अगस्त 2025 की तारीख लिखी है और नक्सलियों ने इस पर लिखा कि हम यह बयान किन्हीं कारणों से विलंब से जारी कर रहे हैं।
कहा गया कि मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह से संगठन सरकार के साथ ईमानदार प्रयासों में लगा है। अभय ने 10 मई को महासचिव द्वारा जारी बयान का हवाला देते हुए बताया गया कि पार्टी ने सरकार से चर्चा के लिए एक माह का समय मांगते हुए सीज-फायर का प्रस्ताव रखा था। आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ने उस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया और जनवरी 2024 से जारी घेराव और उन्मूलन अभियानों को तेज कर दिया गया।
बीते एक महीने में नक्सलियों के तीन सीसी मेंबर कम हो गए है पिछले दिनों गरियाबंद में 1 करोड़ का इनामी बालकृष्णा उर्फ मनोज, झारखंड में 1 करोड़ का इनाम सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश और तेलंगाना में 1 करोड़ की इनामी सुजाता ने आत्मसमर्पण किया है। सुजाता एक दशक पूर्व बंगाल में मुठभेड़ में मारे गए दुर्दांत नक्सली किशन जी की पत्नी है।
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि हालिया संघर्ष में बड़ी क्षति हुई है। अबूझमाड़ के गुंडेकोट के पास 21 मई को हुए हमले में पार्टी के महासचिव बसवाराजू के साथ केंद्रीय कमेटी के अन्य लोग और सुरक्षा गार्ड समेत 28 नक्सली मारे गए। इन्हीं घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में पार्टी ने कहा कि अब शांति वार्ता की प्रक्रिया को पूरा करना होगा, इसलिए उसने अपना रुख बदला है। और शांति वार्ता को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
Updated on:
17 Sept 2025 10:49 am
Published on:
17 Sept 2025 10:48 am
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