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Ganga Dussehra: गंगा दशहरा में बन रहे महायोग, इस विधि से जन्म जन्मांतरों के धुल जाएंगे पाप

Ganga Dussehra: गंगा माता की पूजा की जाती है ऐसी मान्यता है कि इस पूजा से व्यक्ति की जन्म जन्मांतरों के पाप धुल जाते हैं।

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Ganga Dussehra

Ganga Dussehra: गंगा दशहरा का हिन्दू सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाने वाला गंगा दशहरा का पर्व 16 जून को मनाया जायेगा। इस दिन वरीयान योग का निर्माण हो रहा है जिसे बेहद शुभ माना गया है। इस दिन गंगा स्नान के बाद पूजा व दान किया जाता है। शास्त्रों में मां गंगा को मोक्षदायिनी भी कहा गया है। इस दिन विशेष रूप से गंगा माता की पूजा की जाती है ऐसी मान्यता है कि इस पूजा से व्यक्ति की जन्म जन्मांतरों के पाप धुल जाते हैं।

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गंगा दशहरा का पूजा व मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश दास ने बताया कि इस वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून की रात 2.32 बजे शुरू होगी और जो 17 जून की सुबह 4.40 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार गंगा दशहरा का पर्व 16 जून रविवार को मनाई जायेगी। गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र सुबह 11:13 बजे तक रहेगा और उसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इस दिन वरीयान योग का निर्माण शाम 9 बजकर तीन मिनट तक रहेगा जिसे बहुत शुभ माना गया है। इस योग पर किया गया पूजा व दान अमोघ होता है।

बन रहे शुभ संयोग

हिन्दू पंचांग के मुताबिक इस वर्ष गंगा दशहरा के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इस खास दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। यह सभी योग सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 11 बजकर 13 रहेगा। यह योग पूजा के लिए बेहद ही शुभ माने गए हैं। इन योगों में पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।