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बस्तर में न्यायिक प्रणाली का रिकॉर्ड, 6 माह में निपटे 69 हजार से ज्यादा मामले

International Justice Day: लोक अदालत ने विभिन्न प्रकार के मामलों, जैसे चेक अनादर, मोटर वाहन दुर्घटना दावे, वैवाहिक विवाद, और ऋण वसूली से संबंधित मामलों का समाधान किया।

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अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस (Photo source- Patrika)

अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस (Photo source- Patrika)

International Justice Day: बस्तर जिले में पिछले छह महीनों में न्यायिक प्रणाली में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस अवधि में करीब 30,000 से अधिक लोगों से संबंधित 69,000 से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया। हालांकि इसमें सबसे अधिक मामले लोक अदालत में निपटे हैं। लेकिन इसे बाद भी लंबे समय से न्यायालय के चक्कर और न्याय के इंतजार में भटकने की जगह विधिक प्राधिकरण के विशेष प्रयास से जल्द न्याय मिल सका।

जिससे हजारों लोगों को त्वरित और किफायती न्याय मिला। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बस्तर ने भविष्य में और अधिक मामलों के निपटारे के लिए नियमित लोक अदालतों के आयोजन की योजना बनाई है। इस पहल ने बस्तर जिले में हजारों लोगों को राहत प्रदान की है और न्यायिक प्रक्रिया को तेज, सस्ता, और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

International Justice Day: आपसी सुलह से 7 करोड़ से अधिक का समझौता

लोक अदालत ने विभिन्न प्रकार के मामलों, जैसे चेक अनादर, मोटर वाहन दुर्घटना दावे, वैवाहिक विवाद, और ऋण वसूली से संबंधित मामलों का समाधान किया। इनमें से कई मामले वर्षों से लंबित थे, जिन्हें आपसी सहमति से निपटाया गया। इस प्रक्रिया में 7 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के समझौते हुए, जिससे पक्षकारों को लंबी और महंगी अदालती प्रक्रियाओं से राहत मिली।

15 से अधिक मामलों में दोषियों को सजा

अदालतों ने न केवल समझौते किए, बल्कि 15 से अधिक मामलों में दोषियों को सजा भी सुनाई। इनमें से कई मामले लंबे समय से लंबित थे, जिनमें फौजदारी और अन्य गंभीर अपराध शामिल थे। बस्तर जिले में एक पुराने भूमि विवाद, 6 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले और एक हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई गई है।

एक दर्जन परिवार बचाए गए

International Justice Day: दरअसल सबसे अच्छी बात रही कि यहां तलाक जैसे मामलों में न्यायालय का नजरिया उन्हें अलग करने की जगह जरा सी भी गुंजाइश पर उन्हें वापस एक साथ लाने का रहा। यह मानवीय एंगल एक दर्जन से अधिक मामले में काम भी आया। लोक अदालतों ने सामाजिक एकता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस दौरान बस्तर जिले में एक दर्जन से अधिक परिवारों को टूटने से बचाया गया। वैवाहिक विवादों से संबंधित मामलों में आपसी समझौते के जरिए 12 जोड़ों को फिर से एकजुट किया गया, जिससे उनके पारिवारिक रिश्तों को नया जीवन मिला। अच्छी बात यह रही कि दोनों पक्षों ने इसमें अपनी सहमति दर्ज की और आज वे सफल पारिवारिक जीवन जी रहे हैं।