
Kanger Valley National Park: जैव विविधताओं और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ी तितली ऑरेंज ऑफ लीफ और कॉमन जेम देखा जा रहा है। घाटी में ठंड के शुरू होते ही रंग बिरंगी तितलियों से गुलजार हो जाता है।
इस घाटी के प्रत्येक हिस्से में तितलियों की दुनियां बसती है जिसे देख कर पर्यटकों के कदम रूक जाते हैं। यही वजह है कि इनके मनमोहक उड़ान को देखने सैलानी उमड़ रहे हैं। एशिया का दुर्लभ और लुप्तप्राय माना जाने वाला तितली ऑरेंज ऑक लीफ को राष्ट्रीय तितली भी कहा जाता है मौजूद है। यहां दुर्लभ कॉमन जेम तितली भी देखा जा सकता है। कांगेर घाटी में 252 तितली की प्रजाति पाई जाती है।
यहां पर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी तितली और ऑरेंज ऑफ लीफ को आसानी से देखा जा सकता है। इसे कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में बहने वाली कांगेर नाला के किनारे सबसे अधिक देखा गया है। इसके अलावा यहां पर दुर्लभ कॉमन जेम तितली भी देखा जा सकता है। जानकारी के अनुसार कांगेर घाटी में लगभग 252 तितली की प्रजाति मौजूद है।
तितलियों का संसार को देखने और उसके करीब जाने के लिए पार्क प्रबंधन ने कुछ वर्ष पूर्व तीरथगढ़ जल प्रपात जाने वाले पगडंडी रास्ते में घने जंगल के बीच दो किलोमीटर के दायरे में तितली जाने बनाया है। प्रबंधन के मुताबिक इस स्थान पर एक साथ 100 से अधिक प्रजाति के तितली पाया जाता हैं। यह रंग-बिरंगे तितलियां यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है। यहां पर साल भर तितलियों को देखा जा सकता है किन्तु अक्टूबर से फरवरी के बीच सबसे अधिक तितली मिलते हैं। प्रदेश में यह पहला स्थान है जहां एक साथ लगभग सौ प्रजाति के तितलियों को देखा जा सकता है।
तितली जोन के अलावा कांगेर घाटी में तितलियों का संसार बसता है। यहां पर सबसे अधिक बैरोनेट, चाकलेट पेंसी, कॉमन ग्रास येलो, प्लेन टाईगर, ब्लू टाइगर, कॉमन जेम, कॉमन मेप के अलावा ब्लू मोनमोन, ब्रांडेड पीकॉक, लाइन बटरफ्लाई, जेजीवेल राजा, कामन इवनिंग ब्राउन, ब्लू टाइगर, ब्लू पेनशील, पेटेंट लेडी, कामन नवाब, जेट एग फ्लाई, सहित अन्य प्रजाति के तितलियां को देखा जा सकता है।
पिछले चार वर्षों से तितलियों पर शोध कर रही वंशिका पणिकर ने बताया कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क में तितली के लगभग 252 प्रजाति मौजूद है। बीते दो वर्षों में तितलियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम से इनकी प्रजातियों में वृद्धि हुई है। तितलियों के अलावा यहां पर करीब 200 प्रजातियों से अधिक पक्षियों की प्रजाति भी मौजूद है। जैव विविधताओं को देख यहां आने वाले पर्यटक मुग्ध होकर यहां के प्रकृति में खो जाते हैं।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पिछले चार वर्षों से तितलियों पर शोध कर रही छात्रा वंशिका पणिकर ने बताया कि कांगेर तितलियों के रहवास के लिए बहुत ही अनुकूल है। यहां का जलवायु इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए काफी अनुकूल है।यहां दुर्लभ ऑरेंज ऑफ लीफ और कॉमन जेम तितली भी पाई जाती है। इसके अलावा यहां कई प्रवासी तितली भी पाई जाती है। यहां का कांगेर नाला को इनके रहवास का सबसे प्रमुख स्थल माना जा सकता है।
Updated on:
08 Nov 2024 02:45 pm
Published on:
08 Nov 2024 02:44 pm
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