
Bastar Dussehra festival 2023 : नौ दिनों तक गड्ढे में बैठकर करेंगे साधना तब बनेंगे जोगी
जगदलपुर। Bastar Dussehra festival 2023 : दशहरा पर्व का महत्वपूर्ण विधान जोगी बिठाई की रस्म 15 अक्टूबर की शाम सिरहासार भवन में होनी है। सवा छह सौ बरसों से चली आ रही परम्परा के अनुसार आमाबाल गांव के भगत राम ने पिछले साल यह जिम्मेदारी उठाई थी। यदि इस साल भी वे शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे तो वे जोगी बन सकते हैं, अन्यथा उनके परिवार के ही अन्य सदस्य जोगी बनेंगे।
मान्यता है कि जोगी के तप से देवी प्रसन्न होती हैं तथा लंबे समय तक चलने वाला दशहरा पर्व निर्विघ्न संपन्न होता है। नवरात्र की शुरुआत के साथ ही मां दन्तेश्वरी के पुजारी के रूप में सिरहासार भवन में बने एक गड्ढे में जोगी 9 दिनों तक बिना हिले डुले एक ही जगह बैठकर कठिन व्रत रखते हैं।
राजा के बदले जोगी करते हैं उपासना
किवदंती है कि देवी की उपासना बस्तर राजा को करनी होती थी ताकि यहां खुशहाली रहे लेकिन 9 दिनों तक राजा की जगह जोगी को देवी की उपासना के लिए बैठाया जाता है और आज भी ये परंपरा जारी है। बड़े आमाबाल के 41 वर्षीय भगत नाग इस वर्ष फिर से जोगी के रूप में दशहरे की सफलता के लिए तप में बैठने की बात सामने आ रही है।
दशहरा होगी यह अनोखी परंपरा
- 14 अक्टूबर - काछनगादी पर बालिका पीहू कांटों के झूले पर होगी सवार
- 15 अक्टूबर - जोगी बिठाई परंपरा में नौ दिनों तक व्रत 16 से 21 अक्टूबर तक - चार चक्कों से बने नए फूलरथ की
- 21 अक्टूबर - राज परिवार के सदस्य बेल जोड़े की करेंगे पूजा 22 अक्टूबर - महाअष्टमी पर निशा जात्रा
- 23 अक्टूबर - मावली परघाव और जोगी उठाई 24 अक्टूबर - भीतर रैनी में ग्रामीण विजय रथ की चोरी कर ले जाएंगे
- 25 अक्टूबर - बाहर रैनी में विजय रथ राज परिवार वापस लाएंगे 26 अक्टूबर - काछन जात्रा और मुरिया दरबार
- 27 अक्टूबर - कुटुम्ब जातरा में देवी-देवता होंगे शामिल 28 अक्टूबर - मावली माता की डोली की विदाई के साथ दशहरा का समापन होगा।
Published on:
13 Oct 2023 10:16 am
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