
Naxal Foundation Day: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने 21 सितंबर से 20 अक्टूबर तक अपना 20वां स्थापना वर्ष मनाने की घोषणा की है। इन दो दशकों के सफर में सर्वोच्च संस्था केंद्रीय कमेटी के 22 सदस्यों सहित कुल 5229 के मरने की बात स्वीकारी है जिसमें एक हजार महिला नक्सली शामिल हैं।
वहीं इस दौरान फोर्स पर 4073 बड़े हमलों में 3090 जवानों को मारने तथा 4077 जवानों को घायल करने का दावा किया है। इस दौरान नक्सली गांव गांव में जाकर अपने संगठन का प्रचार करने की बात कही है।
भाकपा माओवादी संगठन की केंद्रीय कमेटी ने 25 पेज का बयान जारी कर कहा है कि वर्ष 2021 से जुलाई 2024 के बीच नक्सलियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। इन साढ़े तीन वर्षों में उनके 439 लड़ाके मारे गए हैं। तथा दौरान 215 हथियारों से भी उन्हें हांथ धोना पड़ा है।
इस बीच तुर्की, फिलीपींस, नेपाल सहित अन्य आधा दर्जन देशों में वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ हथियार बंद युद्ध छेड़कर सत्ता की बागडोर सम्हालने की कवायद जारी रहने की बात कही है। (Naxal Foundation Day) साथ ही इस अवधि में पुलिस के 261 जवानों के भी मारे जाने की बात नक्सलियों ने कही है।
नक्सलियों ने कहा है कि दो दशकों में मरने वाले सर्वाधिक लड़ाके जन निर्माण कार्यकर्ता है जिनकी संख्या 3596 है। मृत सीसी और एसजेडसी सदस्यों की संख्या 48 है, आरसी के 14 एवं डीवीसी के 167 सदस्य मृतकों में शामिल है। (Naxal Foundation Day) बीते एक वर्ष में ही नक्सलियों ने अपने 218 लड़ाकों, कार्यकर्ताओं और नक्सली नेताओं के मरने की बात कही है यह नक्सलियों के लिए बड़ा झटका है।
नक्सली संगठन के इतिहास में 21 सितंबर 2004 की तिथि काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस तारीख को दो बड़े नक्सली धड़े पीपुल्स वार और एमसीसी का आपस में विलय होकर नया नक्सली संगठन भाकपा माओवादी बना था। (Naxal Foundation Day) तब से नक्सली लगातार बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे लेकिन सलवा जुडूम के बाद नक्सली कुछ कमजोर जरूर हुए थे लेकिन बाद में उन्होंने अपनी ताकत बढ़ा ली थी।
Naxal Foundation Day: अब जबकि केंद्रीय गृहमंत्री ने मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे की घोषणा की है इससे नक्सलियों की चिंता और बढ़ गई है। आईजी बस्तर, सुंदरराज पी ने बताया कि यह नक्सलियों का प्रोप्रेगेंडा है दरअसल बस्तर में नक्सली बहुत कमजोर हो गए हैं। (Naxal Foundation Day) वे इस माध्यम से ग्रामीणों को प्रभावित करना चाहते है लेकिन ग्रामीण भी अब नक्सलियों पर भरोसा नहीं कर रहे है। बस्तर से बहुत जल्द ही नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा।
Published on:
12 Sept 2024 09:56 am
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