ऐसे में शहर के होटलों में साल भर पर्यटकों की आवाजाही रहती है। इसी तरह यहां कई किरायेदार भी हैं जिनकी आईडी की जांच नहीं होती। कई संदिग्ध युवक-युवती फर्जी मतदाता परिचय पत्र से लेकर फर्जी आधारकार्ड का उपयोग कर रहे है। इन फर्जी आईडी का होटल में क्रास चेक नहीं किया जाता है।
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: फर्जी आईडी के साथ पकड़ा गया था युवक
पिछले दिनों पुलिस ने शहर के बहादुरगुड़ा इलाके में एक किराए के घर से फर्जी पहचान पत्र बनाकर शासकीय नौकरी के लिए आवेदन भरने वाले दो युवा की पहचान कर पकड़ा था। उत्तर प्रदेश से आकर दोनों युवक फर्जी पहचान पत्र, स्कूल सर्टीफिकेट और निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज बना लिए थे। इसके अलावा आड़ावाल इलाके में भी लगभग 150 किरायेदार एक की तरह के आधार कार्ड के जरिए संदिग्ध रूप से रहने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस जांच की गई थी। आईडी सत्यापन की व्यवस्था हो
हजारों की संख्या में प्रति माह बस्तर आने वाले बाहरी लोगों की आईडी की सही या फर्जी होने की जांच की व्यवस्था होना आवश्यक है। फर्जी आईडी लेकर चुपचाप रहने की खबरें आती रहती है। ठगी और चोरी जैसे वारदातों को अंजाम देने वाले लोग बेखौफ होकर किसी भी होटल में कमरा ले लेते हैं। पुलिस द्वारा औचक रूप से होटलों में निरीक्षण करने के दौरान उनके पहचान पत्र जांच करने पर भी पकड़ में आते।
फर्जी आईडी के लिए ऐप का इस्तेमाल
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: आजकल कई ऐसे ऐप आ गया है जिससे शातिर लोग फर्जी तस्वीर लगाकर आईडी बना लेते हैं। इस काम के लिए किसी भी स्मार्ट फोन में ऐप डाउनलोड कर मोबाइल में ही आईडी बनाया जा रहा है। कई बार आईडी बनाने वाले अपराधिक किस्म के लोग किसी की भी आईडी हाथ लगने पर किसी के पहचान पत्र, आधारकार्ड या अन्य दस्तावेज में हेरफेर कर आईडी बना रहे हैं। ऐसे में काम पड़ने पर आईडी को विश्वसनीय सेंटर में ही दें अथवा सावधानी बरतें। एएसपी, महेश्वर नाग ने बताया कि समय समय पर पुलिस द्वारा होटल, धर्मशाला और होमस्टे संचालन करने वालों को संदिग्ध लोगों की जानकारी देने की निर्देश दिया जाता है। फर्जी आईडी का इस्तेमाल करना कानूनन अपराध है। ऐसा करते पकड़े जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है।