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बढ़ाया गौरव: अमेरिका में सोलर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे बस्तर के सौरभ, सुनाई अपनी ‘ग्रीन वेडिंग’ की कहानी

Jagdalpur News: बस्तर के जगदलपुर निवासी सौरभ मोतीवाला अमेरिका में आयोजित सोलर 2025 इनोवेशन फार यूनिवर्सल रिनोवेबल एनर्जी एसेसे में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

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बस्तर के सौरभ (फोटो सोर्स- पत्रिका)

बस्तर के सौरभ (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: बस्तर के जगदलपुर निवासी सौरभ मोतीवाला अमेरिका में आयोजित सोलर 2025 इनोवेशन फार यूनिवर्सल रिनोवेबल एनर्जी एसेसे में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सम्मेलन में दुनियाभर से आए वैज्ञानिक, और उद्योग विशेषज्ञ नवीकरणीय ऊर्जा की नवीनतम तकनीकों, ऊर्जा भंडारण समाधान को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर चर्चा कर रहे हैं। सम्मेलन अमरीका के कोलोराडो की यूनिवर्सिटी आफ कोलोराडो बोल्डर में आयोजित किया गया है।

CG News: विवाह में दोना-पत्तल में परोसा भोजन

सौरभ ने अपने विवाह समारोह को पूरी तरह से ईको- फ्रेंडली सामान से सजावट की थी। दोना- पत्तल का भोजन परोसने में उपयोग किया था। यहां तक कि समारोह के बाद बचे कचरे का निपटान भी निगम के मानक के तहत किया था। सौरभ ने बालाजी वार्ड में बनाए गए अपने पक्के मकान को ईंट व अन्य नेचर फ्रेंडली सामान से यह पूरा मकान बनाया है।

इस मकान में न तो कूलर न एयरकंडीशन का उपयोग किया जा रहा है। वॉटर हार्वेस्टिंग व इसके रिसाइकल के पूरे इंतजाम यहां देखे जा सकते हैं। निर्माण एजेंसी की संस्थान ने इसे राज्य का पहला 5- स्टार रेटेड ग्रीन होम का प्रमाणपत्र दिया है।

बता दें कि यह अमरीकन सोलर एनर्जी सोसाइटी का 54वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन है। सौरभ छत्तीसगढ़ के एकमात्र प्रतिभागी भी हैं। सौरभ ने नवीकरणीय ऊर्जा विशेषज्ञ एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे से पीएचडी की है। वर्तमान में वे सौर ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में तकनीकी, आर्थिक और नीतिगत समाधान विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस सम्मेलन में विश्वभर के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। इन सभी ने मोतीवाला के शोध कार्य की खुलकर सराहना की है। इसे भारत तथा विकासशील देशों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।

तकनीक से समानता

पत्रिका से चर्चा में सौरभ ने बताया कि उनका प्रयास है सस्टेनेबिलिटी और ग्रीन एनर्जी का संदेश लोगों तक पहुंचाया जाए। नवीकरणीय ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना तकनीकी चुनौती नहीं, सामाजिक-आर्थिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।