
जिला उपभोक्ता आयोग का सख्त फैसला (photo source- Patrika)
Insurance Claim Rejected: जगदलपुर जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनियों के टालमटोल रवैये पर करारा रूख दिखाते हुए निवा ब्यूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को एक कैंसर पीड़ित की पत्नी को 1 लाख रुपए चिकित्सा व्यय के साथ-साथ मानसिक पीड़ा के लिए 10 हजार रुपए अदा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, ऋण प्रदाता बजाज फाइनेंस कंपनी लिमिटेड को भी सहयोग न करने के लिए 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
यह आदेश जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल और सदस्य आलोक कुमार दुबे की संयुक्त खंडपीठ ने पारित किया। दरअसल जगदलपुर निवासी अर्जुन बिसाई ने बजाज फाइनेंस से ऋण लेते समय निवा ब्यूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के साथ बीमा पॉलिसी कराई थी। बीमा अवधि के दौरान अर्जुन को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो गई, जिसके इलाज में भारी खर्च हुआ।
दावे के बाद उनकी असामयिक मृत्यु हो गई। पत्नी रुक्मणी बिसाई ने बीमा कंपनी के समक्ष इलाज व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए दावा प्रस्तुत किया, लेकिन कंपनी ने आवश्यक दस्तावेज न देने का हवाला देकर इसे खारिज कर दिया। जिसके बाद रुक्मणी ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज की।
Insurance Claim Rejected: सुनवाई के दौरान आयोग ने पाया कि अर्जुन ने सभी जरूरी दस्तावेज समय पर जमा कर दिए थे, लेकिन बीमा कंपनी ने क्षतिपूर्ति से बचने के लिए जानबूझकर टालमटोल किया। साथ ही, बजाज फाइनेंस ने भी बीमित व्यक्ति को किसी प्रकार का सहयोग नहीं प्रदान किया। प्रकरण की लंबी खिंचतान के कारण अर्जुन की मृत्यु हो चुकी थी, जिसके बाद उनकी पत्नी ने प्रतिनिधित्व किया।
आयोग ने बीमा कंपनी को 1 लाख रुपए चिकित्सा व्यय (जिसमें ब्याज भी शामिल) तत्काल अदा करने, रुक्मणी को मानसिक पीड़ा के लिए 10 हजार और बजाज फाइनेंस को भी 10 हजार रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया। फैसले में कहा गया कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत बीमा कंपनियों को दावों पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी।
Updated on:
22 Nov 2025 03:41 pm
Published on:
22 Nov 2025 03:40 pm
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