
जयपुर। राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आमागढ़ बस्ती में रविवार शाम बारिश के दौरान पहाड़ का हिस्सा टूट गया। इससे पहाड़ की तलहटी में बने मकानों पर एक के बाद एक पत्थर आ गिरे। हादसे में एक जने की मौत हो गई और दो गंभीर घायल है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शाम करीब 4 बजे पहाड़ के करीब डेढ़ सौ मीटर हिस्से के पत्थर धमाके के साथ मकानों पर आ गिरे। सूचना पर पुलिस, आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। हादसे में महमूद (60), रशीद और जमीला गंभीर घायल हो गए। महमूद की इलाज के दौरान मौत हो गई। कुछ अन्य लोगों को भी चोटें आई, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। आस-पास के कई मकानों को खाली करवा दिया गया है। इससे करीब एक दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है।
हर साल बारिश आती है, डर भी लगता है मगर रहना भी तो यहीं है। कुछ परिवार पहाड़ी से दूर अपने रिश्तेदारों के रहने चले गए लेकिन क्या पता था रविवार को बारिश मौत बनकर बरसेगी। टिन की छतों पर पत्थर गिरने लगे तो लगा जैसे धमाके हो रहे हैं। पीछे जाकर देखा तो कई लोगों के घरौंदे चट्टानों के नीचे दब गए।
यह कहना था आमागढ़ स्थित शक्ति कॉलोनी के लोगों का। रविवार अपराह्न 4 बजे बारिश के साथ वहां पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर बरस रहे थे। हर कोई मदद में जुटा था लेकिन संकरी गलियां बाधा बन रही थीं। पुलिस या आपदा प्रबंधन की टीम आती, उससे पहले ही लोग घायलों को उठाकर नीचे ले जाने लगे। हर साल पहाड़ी से मिट्टी-पत्थर गिरते रहे हैं लेकिन रविवार को स्थिति गम्भीर थी।
खाली कराए मकान
आमागढ़ की पहाड़ी और मकानों के बीच की दूरी 4-5 फीट भी नहीं है। कुछ साल पहले समीपस्थ पर्वत कॉलोनी में भी पत्थर गिरे थे। अब पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से घटनास्थल के आसपास के मकान खाली कराए हैं।
पत्थर और मलबा हटाना बड़ी चुनौती
हादसे के कारण दर्जनभर मकानों को नुकसान पहुंचा। पहाड़ी की तलहटी तक पहुंचने के लिए बहुत ही छोटा रास्ता है। जेसीबी, क्रेन या अन्य वाहन का वहां पहुंच पाना मुश्किल था। आपदा प्रबंधन की टीम पत्थरों को हटाने का प्रयास करती रही लेकिन ज्यादा दूर तक नहीं खिसका सकी।
संकरी गलियां
कॉलोनी की गलियां इतनी संकरी हैं कि एंबुलेंस को घटनास्थल से 500 मीटर दूर रुकना पड़ा। यहां निकलने को 3 फीट की जगह थी।
तबाह हो गया घरौंदा
अंतिम छोर पर एक मकान तो पूरी तरह ढह गया। वहां रहने वाली शमीम की आंखें भर आईं क्योंकि वहां मकान के नाम पर कुछ नहीं बचा था। शमीम ने बताया कि 2-3 साल पहले भी ऐसे हादसे में नुकसान हुआ था।
स्थानीय निवासी आसिफ ने बताया कि उसके मकान का भी काफी हिस्सा ढह गया। बरसात के दौरान पहाड़ी से अक्सर पत्थर गिरते हैं। ऐसे में परिवार को लेकर कुछ दिन पहले ही रिश्तेदार के यहां चले गए थे।
Updated on:
20 Aug 2018 09:47 am
Published on:
20 Aug 2018 08:38 am
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