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मुर्दाघर के बाहर सुबह से शाम तक फूट-फूटकर रोता रहा 23 साल का दिलखुश, नहीं पसीजा प्रशासन का दिल

सवाईमानसिंह अस्पताल मुर्दाघर से पिता का शव ले जाने के इंतजार में 23 वर्षीय दिलखुश शुक्रवार सुबह से देर शाम तक आंसू बहाता रहा। पुलिस की संवेदनहीनता के कारण उसको शव के लिए पूरे दिन इंतजार करना पड़ा।

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एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर बैठा युवक (लाल शर्ट में)

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जयपुर. सवाईमानसिंह अस्पताल मुर्दाघर से पिता का शव ले जाने के इंतजार में 23 वर्षीय दिलखुश शुक्रवार सुबह से देर शाम तक आंसू बहाता रहा। पुलिस की संवेदनहीनता के कारण उसको शव के लिए पूरे दिन इंतजार करना पड़ा। एक वकील के वहां पहुंचने के बाद पुलिस ने शव की सुपुर्दगी की। युवक के पिता की मौत गुरुवार रात हुई थी।

एसएमएस थाने में पिता के पोस्टमार्टम के लिए चक्कर लगा रहे दिलखुश को बार-बार यही कहा गया कि सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी थाने को सूचना दे दी गई है। जब संबंधित थाने की पुलिस आएगी, तब पंचनामा कर पोस्टमार्टम शुरू कर शव सुपुर्द कर दिया जाएगा। तब तक इंतजार करना पड़ेगा।
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अधिवक्ता की सूचना पर पत्रिका बना मददगार
शुक्रवार सुबह मुर्दाघर के बाहर युवक को रोता देख वहां से गुजर रहे एक अधिवक्ता रुके। युवक से बात कर उन्होंने तत्काल राजस्थान पत्रिका को इसकी सूचना दी। पत्रिका संवाददाता ने दिलखुश से संपर्क किया। जानकारी मिली कि युवक के पिता गंगापुर सिटी निवासी राम किशन रैगर के जानलेवा हमले में गंभीर चोट लग गई थी। गुरुवार रात दो बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की थी।
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मामले की जानकारी एसएमएस थाने से प्राप्त हुई है। कार्रवाई के लिए सहायक उप निरीक्षक को भेज दिया गया है।
- जितेंद्र, थानाधिकारी सदर, सवाई माधोपुर

मामला संदिग्ध होने के कारण गंगापुर थाने को सूचित किया गया। बीमारी से मौत पर एसएमएस थाने की ओर से पोस्टमार्टम करवा दिया जाता है।
- सुधीर उपाध्याय, एसएचओ, एसएमएस

पुलिस का रवैया पूरी तरीके से गलत है। परिजन अगर मौके पर हैं तो उनकी सहमति से पोस्टमार्टम करवाया जा सकता है।
- योगेंद्र जोशी, सेवानिवृत्तआरपीएस अधिकारी