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50% ट्रंप टैरिफ से राजस्थान के 5 लाख लोगों के रोजगार पर संकट, ऑर्डर होल्ड पर डलवा रहे अमरीकी बायर्स

भारत पर 50 प्रतिशत ट्रंप टैरिफ के बाद प्रदेश में करीब 5 लाख कर्मचारियों की रोजी रोटी पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में औद्योगिक संगठनों ने सरकार से निर्यातक इकाइयों के लिए सहयोग की मांग की है।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Aug 08, 2025

Donald Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो- IANS)

जयपुर। अमरीका की ओर से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ की वैश्विक बाजार में निंदा की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इससे भारत की निर्यात आधारित इकाइयों को नुकसान होगा, लेकिन अमरीकी उपभोक्ता बाजार पर भी भारी प्रभाव पड़ेगा। राजस्थान के निर्यातकों ने अमरीका को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर ली है। प्रदेश के निर्यातक नहीं चाहते कि देश के आत्मसम्मान की कीमत पर अमरीका से व्यापार किया जाए।

हालांकि, एक दम से वैकल्पिक बाजारों को तलाशना आसान नहीं है, लेकिन प्रयास शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या निर्यात आधारित औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले कारीगर और कर्मचारियों की है। प्रदेश में करीब 5 लाख कर्मचारियों की रोजी रोटी पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में औद्योगिक संगठनों ने सरकार से निर्यातक इकाइयों के लिए सहयोग की मांग की है।

ऑर्डर होल्ड पर डलवा रहे अमरीकी बायर्स

राजस्थान हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स जॉइंट फोरम के कॉर्डिनेटर नवनीत झालानी ने बताया कि अमरीकी बायर्स और राजस्थान के एक्सपोर्टर्स उत्पादन में अंतिम चरण में चल रहे ऑर्डर्स को लेकर भी अनिर्णय की स्थिति में हैं, क्योंकि बिना 25 प्रतिशत पेनल्टी के माल अमरीका जाने के लिए केवल 21 दिन का समय जहाज पर कंटेनरों के लदान के लिए दिया गया है, जो यहां रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस की छुट्टियों के कारण संभव नहीं हो पाएगा। 21 दिन बाद की तारीखों में तैयार होने वाले ऑर्डर्स को तो अमरीकी बायर्स होल्ड पर डलवा रहे हैं।

अरब देशों में निर्यात की काफी संभावनाएं

फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि राजस्थान के जेम्स-ज्वैलरी के लिए यूरोप, गारमेंट के लिए अफ्रीका, ऑटो और इंजीनियरिंग गुड्स के लिए अरब देशों में अभी निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। प्रदेश के निर्यातकों को हम सरकार के साथ मिलकर इन वैकल्पिक बाजारों की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार सभी जिलों में निर्यात कार्यशाला का आयोजन करें।

सालभर के अंदर हो सकती है भरपाई

राजस्थान चैंबर के अध्यक्ष डॉ. केएल जैन का कहना है कि राजस्थान से होने वाले कुल 80 हजार करोड़ के निर्यात में से केवल 18 हजार करोड़ का निर्यात अमरीका को होता है, यदि प्रयास किया जाए तो केवल सालभर के अंदर इसकी भरपाई दूसरे देशों से की जा सकती है। इस दौरान सरकार को निर्यातक और मैन्युफैक्चर्स का साथ देना होगा।

निर्यात इकाइयों को घटानी होगी लागत

पीएचडीसीसीआई राजस्थान के अध्यक्ष दिग्विजय ढाबरिया का कहना है कि प्रदेश में निर्यात आधारित औद्योगिक इकाइयों की लागत कम करनी होगी। प्रदेश के निर्यातकों के मनोबल को बनाए रखने के लिए सरकार को तुरंत विशेष पैकेज की घोषणा कर देनी चाहिए।

फिलहाल छंटनी से बचना चाहिए

एम्पलॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष एनके जैन का कहना है कि यदि टैरिफ के कारण प्रदेश में निर्यात आधारित फैक्ट्रियां बंद होती हैं और उनके कर्मचारी और कामगारों की छंटनी की जाती है तो ट्रंप अपने मकसद में कामयाब होगा, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए।