
होंगे कामयाब.. मोक्षधाम की कायापलट कर बनाई भोजनशाला
जयपुर.श्मशान घाट के एक छोर पर जहां जिंदगी के बाद चिता की अग्नि जीवन से मुक्ति का पैगाम दे रही है। दूसरी ओर यहां जलते चूल्हे की अग्नि जिंदगी को भूख के संघर्ष से बचाने की मिसाल भी बन रही है। सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन यह हकीकत है। जरूरतमंदों की मदद करने का जुनून लेकिन जब स्थानीय लोगों ने मदद के लिए जगह देने से विरोध किया तो मोक्षधाम को ही सबसे बेहतर जगह समझा। विद्याधर नगर सेक्टर—10 के मोक्ष धाम में टीम नाइन ने श्मशान का सौंदर्यीकरण कर उसे हरा भरा किया और यही भोजनशाला तैयार कर ली। तीन बीघा क्षेत्र में फैले इस श्मशान में 5000 से ज्यादा पौधे लगाए गए। खास बात यह है कि रोजाना या कुछ दिन छोड़कर शव भी यहां आ रहे हैं।
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लाखों पैकट भोजन करवाया मुहैया
टीम संयोजक दिनेश कांवट ने बताया कि श्मशान से पवित्र स्थल कोई ओर नहीं हो सकता। लॉकडाउन के चरणों में यहां रोजाना 2 हजार लोगों के लिए खाना तैयार हो रहा है। जन सहयोग से शुरू हुई इस रसोई में लाखों पैकट खाना मुरलीपुरा, जेडीए कच्ची बस्ती सहित 20 से ज्यादा जगहों की कच्ची बस्तियों में रहने वाले जरुरतमंदों तक पहुंचा रहे है। 50 लोगों की टीम भोजन बनाने और वितरण में अपनी सेवाएं दे रही। हाईजीन तरीके से सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखकर खाना बनाने और बाकायदा सैनिटाइजर चेम्बर स्थापित की उससे गुजरने के बाद ही यहां प्रवेश होता है। छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं की सेवा करने का जज्बा भी देखने लायक है। कोई भूखा ना सोए इस लिहाज से मुहिम चालू है। राजस्थान जीवन छाया, एलआईसी, समाधान ग्रुप सेक्टर—6, माहेश्वरी प्रगति क्लब सहित अन्य संस्थाओं का सहयोग से संभव हो पाया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष, सांसद, विधायक भी इस मुहिम की सराहना कर चुके हैं।
Published on:
17 May 2020 05:28 pm
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