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आज से 22 दिन तक मिथुन राशि में त्रिग्रही योग, 3 जून को विशेष संयोग

जून माह में 22 दिन मिथुन राशि में त्रिग्रही योग बन रहा है। मिथुन राशि में मंगल व राहु ग्रह पहले से ही चल रहे हैं। एक जून को रात 12 बजकर 18 मिनट पर बुध अपनी स्व राशि मिथुन में आएगा।

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जयपुर। जून माह में 22 दिन मिथुन राशि में त्रिग्रही योग बन रहा है। मिथुन राशि में मंगल व राहु ग्रह पहले से ही चल रहे हैं। एक जून को रात 12 बजकर 18 मिनट पर बुध अपनी स्व राशि मिथुन में आएगा।

ऐसे में मिथुन राशि में मंगल, राहु के साथ बुध आने से त्रिग्रही योग बनेंगे। यह त्रिग्रही योग 21 जून तक रहेगा। इस बीच मिथुन राशि में 15 जून से 20 जून तक चतुग्रही योग बनेंगे। 15 जून को शाम 5 बजकर 38 मिनट पर सूर्य भी मिथुन राशि में आ जाएगा।

21 जून को रात 2 बजकर 29 मिनट पर बुध अपनी स्व राशि छोड़कर राशि परिवर्तन करते हुए चन्द्रमा की राशि कर्क में आ जाएगा। इसके बाद मिथुन में मंगल, राहु व सूर्य का त्रिग्रही योग रहेगा, जो 22 जून को रात 11 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या 2 जून शाम 4 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी, जो 3 जून को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। अमावस्या पर 3 जून को सोमवार और सर्वार्थसिद्धि योग के साथ त्रिग्रह योग रहेगा। इस दिन वट सावत्रि व्रत व शनि जयंती है।

ज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि सोमवती अमावस्या पर सर्वार्थसिद्धि योग के साथ त्रिगही योग होना श्रेष्ठ फलदायक होगा। इसके साथ इस दिन कुमार योग व अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। ऐसे में इस दिन पूजन व दान करने से पितृ दोष की शांति मिलेगी। शनि के अशुभ प्रभाव का निवारण और परिवार में सभी की दीघायु दायक होगा।

ज्योतिषाचार्य नरोत्तम पुजारी ने बताया कि राहु ग्रह अक्सर लोगों के आवास, उद्देश्य और मित्रों में परिवर्तन लाता है, जबकि स्वार्थ की भावना अधिक होने से यह शत्रुता भी बढ़ाता है। राहु के साथ जब बुध की राशि मिथुन में होता है तो अधिक बलशाली हो जाता है। राहु का जिन पर प्रभाव होता है, वे जातक आत्मविश्वास से भरपुर, बहादुर व निडर होते हैं।

3 जून को ये बन रहे संयोग
कुमारयोग - दोपहर 3.31 बजे से रात 12.05 बजे तक
अमृतसिद्धि योग - रात 12.05 से अगले दिन सुबह 05.36 बजे तक
सर्वार्थसिद्धि योग - सुबह 5.37 से पूरे दिन-रात

इस बार विशेष फलदायक होगा वट सावित्री व्रत

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्य पर महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री का व्रत करेंगी। इस बार वट सावित्री का व्रत सोमवती अमावस्या के साथ कई ग्रहों के संयोग व कई योग होने से विशेष फलदायक होगा। महिलाएं सौभाग्य की कामना करते हुए वट सावित्री के व्रत को अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।

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